पंजाब में घुट रहा दम: छह शहरों की हवा खराब श्रेणी में, मंडी गोबिंदगढ़ सबसे प्रदूषित

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पंजाब में इन दिनों हवा में जहर घुलता जा रहा है। पराली जलाने के बढ़ते मामलों और हाल ही में दिवाली व बंदी छोड़ दिवस पर भारी मात्रा में पटाखे चलाने से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार को राज्य के छह शहरों का एक्यूआई खराब श्रेणी (ओरेंज जोन) में दर्ज किया गया, जिससे लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया है।

सबसे ज्यादा प्रदूषण मंडी गोबिंदगढ़ में

मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआई सबसे अधिक 293 दर्ज किया गया। इसके बाद लुधियाना में 278, जालंधर में 268, पटियाला में 262, अमृतसर में 238 और खन्ना में 239 दर्ज किया गया। वहीं बठिंडा का एक्यूआई 167 रहा, जो येलो जोन में है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे हालात में ज्यादा देर बाहर रहने से सांस और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। बुधवार को पराली जलाने के 69 नए मामले दर्ज किए गए, जिससे कुल संख्या बढ़कर 484 पहुंच गई है।

जुर्माने और कार्रवाई की रफ्तार तेज

पराली जलाने पर पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) की ओर से सख्त कार्रवाई जारी है। अब तक 226 मामलों में 11 लाख 45 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 7 लाख 40 हजार रुपये वसूले जा चुके हैं। 184 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और 187 किसानों के खिलाफ रेड एंट्रियां की गई हैं। ऐसे किसान न तो अपनी जमीन बेच सकते हैं और न ही उस पर लोन ले सकते हैं।

अमृतसर में सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले

इस सीजन में अमृतसर जिले में 126 मामलों के साथ पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई हैं। तरनतारन में 154, फिरोजपुर में 55, पटियाला में 31, संगरूर में 14, गुरदासपुर में 23, कपूरथला में 14, फाजिल्का में 11, एसएएस नगर में 8 और बठिंडा में 7 मामले सामने आए हैं। अन्य जिलों में भी छिटपुट घटनाएं जारी हैं, जिससे पंजाब की हवा लगातार दूषित हो रही है।

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