पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट भंग पर सियासत, मान सरकार जाएगी कोर्ट, सीएम बोले-केंद्र को यह अधिकार नहीं

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पंजाब 2 नवंबर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट भंग करने और पंजाब की भागीदारी खत्म करने को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस फैसले को गैर-संवैधानिक बताते हुए कहा कि यह पंजाब और उसके हकों के खिलाफ है। मान ने कहा कि केंद्र को इसे भंग करने का अधिकार नहीं है और भाजपा ने नोटिफिकेशन जारी कर पंजाब विरोधी चेहरा दिखाया है। उन्होंने ऐलान किया कि पंजाब सरकार इस अन्याय के खिलाफ हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ेगी और पंजाब यूनिवर्सिटी, जो राज्य की विरासत है, की रक्षा हर हाल में की जाएगी।

केंद्र को अधिकार नहीं

सीएम भगवंत मान ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी को भंग करने का अधिकार केंद्र सरकार को नहीं है। यह पंजाब पुनर्गठन एक्ट, 1966 और पंजाब यूनिवर्सिटी एक्ट, 1947 के तहत राज्य के अधिकार में आता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा या संसद से संशोधन किए बिना सिर्फ नोटिफिकेशन जारी कर सीनेट भंग करना पूरी तरह असंवैधानिक है। भाजपा ने इससे अपना पंजाब विरोधी चेहरा दिखाया है।

पहले भी दो बार कोशिश हुई थी

सीएम ने कहा- भाजपा पहले भी यूनिवर्सिटी को हरियाणा से जोड़ने की कोशिश कर चुकी है। मीटिंग्स में उन्होंने हरियाणा के कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी के अधीन करने की मांग रखी थी। मान ने कहा कि हरियाणा सरकार सीनेट में अपने लोगों को भेजने की योजना बना रही थी। हमें यह बात पहले ही पता चल गई थी, इसलिए हमने साफ इनकार कर दिया। सीएम ने कहा कि पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट तक जाएगी। पंजाब यूनिवर्सिटी हमारी विरासत है और इसे किसी भी कीमत पर छीने जाने नहीं देंगे।

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