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सोने और सेंसेक्स का पालिटिक्ल कनेक्शन !

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स्पेशल स्टोरी

सोने के खरीदारों को डरा रही है क्रूड आयॅल, सेंसेक्स और सोने की तिकड़ी

अक्षय तृतीया से पहले गोल्ड ने बदला रंग कम कीमत का फायदा खरीदरों को

जम कर बिकावली की आशंका, दुकानदारों ने की व्यापक तैयारियां  सोने चांदी के गहनों से सजे बाजार

 

शबी हैदर

लखनउ, 9 मई : गोल्ड का बैक गियर, सेंसेक्स में गिरावट और क्रूड आयल की रहस्मय चुप्पी का क्या कोई भारतीय पालिटिक्ल् कनेक्शन है। क्या इस अक्षय तृतीया सोना खरीदना फायदे का सौदा साबित होगा? क्या नुकसान की भरपाई के लिए शेयर बाजार में दांव खेलने का यह यही समय है। आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके चलते सोना शिखर को छूकर अपने मूल में वापस आ रहा है ऐसे बहुत से सवाल भारतीय निवेशकों के मन में है जिनका जवाब फिलहाल मिलता हुआ नहीं दिख रहा है।

पिछले कुछ दिनों से व्हाटसएप ग्रुप में चुनावी नतीजों और भावी सरकार गठन पर चर्चाएं तेज है। और जानकारों की माने तो शेयर बाजार ने इन्ही चर्चाओं पर रिएक्ट किया है। पिछले चार कारोबारी सत्रो में शेयर बाजार टूटा है। ​गुरूवार को सेंसेक्स मे 1,062 अंक कि गिरावट के चलते निवेशकों के 7 लाख करोड़ रूपये डूब चुके है। पिछले चार दिनों में संस्थागत बिकावली 50 हजार करोड़ को पार कर चुकी है। वहीं लोकल बायर्स ने बाजार से दूरी बना ली है जिसके चलते ज्यादातर कंपनियों के शेयर लाल निशान पर बंद हो रहे हैं।

क्रूड आयल, सोना और सेंसेक्स एक दूसरे के नुकसान और फायदे का त्रिकोण बनाते हैं। सीएम पीके धवन के मुताबिक विश्व मानचित्र पर बन रहे जंग के आसार के चलते क्रूड आयल की कीमते 90 डालर प्रति बैरल को पार कर गयी जिसके चलते सोने के भाव बड़े। अब कीमते नियंत्रण में है लिहाजा भाव गिरना शुरू हो चुके हैं।

 

स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च प्रमुख संतोष मीणा ने बताया कि, “चुनावी नतीजों पर अनिश्चितता के कारण बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। इस मंदी के पीछे फिलहाल कोई बड़ा वैश्विक कारण नहीं है। अब तक एफआईआई बेच रहे थे और घरेलू निवेशक बाजार में खरीदारी कर रहे थे, लेकिन चुनाव जैसा बड़ा इवेंट होने के कारण घरेलू निवेशकों ने खरीदारी कम कर दी है और एफआईआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं। इस कारण बाजार में दबाव देखने को मिल रहा है।”

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