पीआरटीसी मुलाजिमों और पेंशनधारियों में वेतन और
पेंशन में देरी से बढ़ रहा रोष, बेमियादी हड़ताल करेंगे !
लुधियाना 30 अप्रैल। पंजाब में सड़क-मार्ग से यात्रा सबसे ज्यादा होती है। जिसमें पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन यानि पीआरटीसी की बसें भी मुख्य साधन हैं। दरअसल साल 2021 के दौरान आधी आबादी यानि महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा शुरु की गई थी। नतीजतन, पीआरटीसी की आय के एक बड़ा हिस्से की कटौती मुफ्त यात्रा वाले कोटे में हो जाती है। जिसके चलते आर्थिक-संकट से जूझ रही पीआरटीसी के मुलाजिमों और पेंशनधारियों को उनके वेतन व पेंशन के बकाया की अदायगी में देरी हो रही है।
मौजूदा हालात में पीआरटीसी मुलाजिमों में रोष बढ़ रहा है। बताते हैं कि वे मई महीने में पहले गेट रैलियां, फिर सांकेतिक हड़ताल और उसके बाद बेमियादी हड़ताल की रणनीति बना चुके हैं। माना जा रहा है कि वे चुनावी-माहौल में आंदोलन कर सरकार के साथ ही बाकी दलों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के मूड में हैं। ताकि किसी भी तरह उनकी समस्याएं हल हो सकें।
सियासी-पार्टियों का धर्म-संकट : जाहिर है कि पीआरटीसी मुलाजिमों के आंदोलित होने पर भी चुनावी-माहौल में कोई भी राजनीतिक दल खतरा मोल नहीं लेगा। मसलन, राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार चाहकर भी महिलाओं को मुफ्त यात्रा की योजना बंद नहीं कर सकती है। इसी तरह, अन्य पार्टियां भी इस मुद्दे पर मुफ्त यात्रा को बंद करने की कतई हिमायत नहीं करेंगी। सबको आधी आबादी के विरोध का डर सताएगा। ऐसे में लाख टके का सवाल यही है कि राज्य में सत्तासीन आप के अलावा विपक्षी दल पीआरटीसी को होने वाले घाटे को पूरा करने का कौन सा विकल्प सुझाएंगे। वहीं, मुलाजिम यूनियनें भी इस बार कोरे-आश्वासनों के झांसे में नहीं आएंगे। वे आर्थिक घाटा पूरा का ठोस रास्ता सुझाने की शर्त रखेंगे।
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