मुद्दे की बात : भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर तनाव

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साजिश या अफवाह, क्या है यूनुस का ‘कश्मीर प्लान’?

पड़ोसी बांग्लादेश में राजनीतिक हालात क्या बदले, सीमा पर तनातनी बढ़ती दिख रही है। दरअसल पश्चिम बंगाल में भारत और बांग्लादेश की सीमा बहुत लंबी है। इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह राज्य के पांच ज़िलों से लगी है। हाल में सीमा पर कई घटनाएं हुई हैं, जिनकी वजह से सीमा सुरक्षा बल यानि बीएसएफ और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश यानि बीजीबी के बीच असहजता और तनातनी भी बढ़ी है। अमूमन शांत रहने वाली इस सरहद पर अब तनाव साफ़ दिख रहा है।

पिछले कुछ दिनों से भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर तनाव की खबरें सुर्खियों में हैं। कोदालिया नदी पर बांग्लादेश के कब्जे का दावा और बॉर्डर पर बीएसएफ और बांग्लादेशी बॉर्डर गार्ड्स के बीच कहासुनी की खबरों ने माहौल को गर्म कर दिया। इसी बीचस मीडिया ने इन दावों की सच्चाई की पड़ताल की। बांग्लादेशी बॉर्डर गार्ड्स के एक अधिकारी का वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने कोदालिया नदी पर बांग्लादेश का दावा किया। हालांकि जब मीडिया टीम ने नादिया जिले के रणघाट गांव के बॉर्डर का दौरा किया तो पाया कि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है। बीएसएफ की मुस्तैद तैनाती और स्थानीय लोगों की गवाही ने इन अफवाहों को खारिज कर दिया।

यहां काबिलेजिक्र है कि कोदालिया नदी के किनारे फेंसिंग नहीं है, जिससे इस क्षेत्र में घुसपैठ और तस्करी का खतरा हमेशा बना रहता है। बीएसएफ ने इस चुनौती से निपटने के लिए कई चौकियां बनाई हैं, जहां जवान 24 घंटे निगरानी रखते हैं। बीबीसी की ग्राउंड-रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएफ के अधिकारी नीलोत्पल पांडे ने कहा कि सीमा पर हर स्थिति से निपटने के लिए बीएसएफ पूरी तरह तैयार है। बांग्लादेश में भारत विरोधी अफवाहें फैलाने का सिलसिला तेज हो गया है। कभी नदी पर कब्जे की बात होती है तो कभी बीएसएफ और बांग्लादेशी गार्ड्स के बीच टकराव की। इन अफवाहों का मकसद भारत को उकसाना और बॉर्डर को विवादित क्षेत्र के रूप में दिखाना है।

सियासी-चर्चाओं पर भरोसा करें तो इन अफवाहों के पीछे बांग्लादेश के नेता मोहम्मद यूनुस का हाथ बताया जा रहा है। यूनुस का मकसद भारत के खिलाफ एक और मोर्चा खोलना है, उनकी साजिश में तीन चरण शामिल हैं। पहला कट्टरपंथियों को शह देकर नौजवानों का ब्रेनवॉश करना है। दूसरा पाकिस्तान से हथियार मंगवाकर आतंकियों को मुहैया कराना है। तीसरा ड्रग्स के व्यापार से फंडिंग जुटाना है। जबकि भारत इन साजिशों को समझता है और संयम बरतते हुए सीमा की सुरक्षा पर जोर दे रहा है। बीएसएफ हर घुसपैठ और तस्करी की कोशिश को नाकाम कर रही है। भारत ने शेख हसीना का वीजा बढ़ाकर बांग्लादेश में लोकतंत्र को बनाए रखने की कोशिश की है। ताकि यूनुस की सरकार के पतन के बाद स्थिरता बनी रहे। लगातार भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर तनाव की खबरें भले ही फैलाई जा रही हों, लेकिन इनकी सच्चाई का पर्दाफाश हो चुका है। वहीं बीएसएफ की सतर्कता और भारत की रणनीति ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

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