रोइंग टॉवर के लिए खेल विभाग ने नहीं भेजा प्रपोजल, जंगल में बदला आइलैंड
चंडीगढ़ 3 नवंबर। सिटी ब्यूटीफुल में रोवर्स को नए रोइंग टॉवर के लिए अभी इंतजार करना होगा। दरअसल खेल विभाग ने रोइंग टॉवर के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव चंडीगढ़ हैरिटेज कंजर्वेशन की मेन कमेटी को नहीं भेजा।
जानकारी के मुताबिक एसोसिएशन के अधिकारियों का कहना है कि चूंकि यह एक नया टॉवर नहीं, बल्कि पुराने जले हुए टॉवर का पुनर्निर्माण है। लिहाजा इसमें सीएचसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। इसे लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारी जल्द ही केंद्रीय खेल मंत्री से मुलाकात करेंगे। ताकि रोइंग जैसे खेल को बढ़ावा देने के प्रति प्रशासन का रुख स्पष्ट हो सके। उन्होंने कहा कि जहां सरकार खेलों को प्रोत्साहित कर रही है, वहीं चंडीगढ़ में रोइंग के विकास में बाधाएं खड़ी की जा रही हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में खेल विभाग और सीएचसी की सब-कमेटी की बैठक में सुझाव दिया गया कि चैंपियनशिप के दौरान अस्थायी रोइंग टॉवर का निर्माण कर लिया जाए। जिसे बाद में हटाया जा सकता है। हालांकि, खेल विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करना व्यावहारिक नहीं है। खेल विभाग ने अप्रैल में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के माध्यम से प्रपोजल वेटलैंड अथॉरिटी को भेजा था। जबकि पांच महीने बीत जाने के बाद भी अनुमति नहीं मिली। अब सीएचसी की सब-कमेटी ने भी प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, जिससे टॉवर के निर्माण में और देरी हो गई है।
चंडीगढ़ रोइंग एसोसिएशन के सचिव राजीव शर्मा के मुताबिक प्रशासन ने सुखना लेक के बीच बने आइलैंड को ओपन हैंड बनाने पर करोड़ों रुपए खर्च किए थे। जो अब जंगल में तब्दील हो चुका है। उन्होंने प्रशासन से इसकी जांच कराने की मांग की है। साथ ही सवाल किया कि बोटिंग के लिए मोटरबोट लाई जा रही है, जिससे पक्षियों को नुकसान हो सकता है।
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