नई दिल्ली, 11 अप्रैल।
रेलवे ने स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने के साथ ही एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने की योजना बनाई है। एयरपोर्ट पर यात्रियों को एरोब्रिज के समीप तभी भेजा जाता है, जब उनके विमान के रवाना होने की घोषणा होती है। इससे पहले होल्डिंग एरिया में भी बैठने की व्यवस्था होती है। इससे भीड़ प्रबंधन में सुविधा होती है और भगदड़ की स्थिति नहीं बनती।
अब इसी तर्ज पर रेलवे ने भी स्टेशन परिसर में होल्डिंग एरिया बनाने का निर्णय लिया है, ताकि प्लेटफार्म पर भीड़ प्रबंधन आसानी से किया जा सके। इतना ही नहीं वर्ल्ड क्लास स्टेशन निर्माण के दौरान प्रवेश और निकास के द्वार भी अलग-अलग बनेंगे। उत्तर रेलवे ने भीड़ प्रबंधन योजना और होल्डिंग एरिया के लिए रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस लिमिटेड (राइट्स) के साथ समझौता किया है। नई दिल्ली, आनंद विहार टर्मिनल, गाजियाबाद, अयोध्या और वाराणसी सहित अन्य स्टेशनों में होल्डिंग एरिया से संबंधित एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। राइट्स के विशेषज्ञ रेलवे अधिकारियों के साथ स्टेशन परिसर का दौरा भी कर रहे हैं। समझौता ज्ञापन के बाद आपसी-सूझबूझ के साथ लगातार चर्चा की जा रही है, ताकि स्टेशनों पर त्योहार और अवकाश के दौरान उमड़ने वाली भीड़ का प्रबंधन किया जा सके।
क्यों पड़ी जरूरत
होली के दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अचानक से रात में भगदड़ मच गई थी। आम दिनों में भी दो ट्रेनों के एक ही प्लेटफार्म पर पहुंचने की सूचना से भीड़ बढ़ जाती है और प्रबंधन करना मुश्किल हो जाता है। भविष्य में ऐसे हालातों से बचने के लिए रणनीति तैयार की गई है। पीक सीजन के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए रेल मंत्रालय ने पूरे नेटवर्क में भीड़ को प्रतिबंधित करने के लिए करीब 60 स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग क्षेत्र विकसित करने का निर्देश दिया है। इसी कड़ी में उत्तर रेलवे ने राइट्स से समझौता किया है।
वर्ल्ड क्लास स्टेशन निर्माण में अहम
नई दिल्ली, आनंद विहार, बिजवासन व सफदरजंग समेत कई स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाया जाना है। इस योजना में एयरपोर्ट की तरह प्रवेश और निकास की योजना थी, ताकि क्रॉस मूवमेंट न हो, लेकिन स्थायी होल्डिंग एरिया शामिल नहीं था। अब वर्ल्ड क्लास स्टेशन की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में भी स्थायी होल्डिंग एरिया को शुमार किया जाएगा, ताकि अप्रत्याशित भीड़ होने पर भी भगदड़ की स्थिति न हो और यात्रियों की असुविधा व हादसे से बचाव संभव हो सके। होल्डिंग एरिया में लोगों को पहले ही रोक लिया जाएगा। केवल उन लोगों को ही स्टेशन पर जाने की इजाजत दी जाएगी, जिनकी ट्रेन प्लेटफार्म पर आने वाली है। वर्ल्ड क्लास स्टेशन निर्माण के दौरान इस एरिया में यात्रियों की सुविधा मसलन खान-पान, ट्रेन के आवागमन की स्थिति व टिकट काउंटर की व्यवस्था होगी।
देश के 60 स्टेशनों का किया चयन
रेलवे का कहना है कि देश में 60 ऐसे स्टेशन हैं, जहां हमेशा भीड़ रहती है। बतौर पायलट प्रोजेक्ट इन्हीं स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बनेंगे। इनमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, आनंद विहार स्टेशन, गाजियाबाद, लखनऊ, वाराणसी, मुगलसराय, कानपुर, झांसी, पटना, दरभंगा, आरा, मुंबई, सूरत, सोनपुर, बंगलौर, हावड़ा, मालदा सहित अन्य स्टेशनों को शामिल किया गया है। यहां ट्रेनों के देरी से संचालित होने की स्थिति में यात्रियों का विशेष ख्याल रखा जाएगा।
स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन बेहद आवश्यक है। इसके तहत स्टेशन परिसर में होल्डिंग एरिया बनाने का निर्णय लिया गया है। त्योहारों के दौरान स्टेशन परिसर में अस्थायी होल्डिंग एरिया का निर्माण टेंट लगाकर किया जाता है। अब राइट्स के साथ रेलवे ने एमओयू पर हस्ताक्षर कर समझौता किया है। दोनों विभागों के अधिकारियों ने स्टेशन पहुंचकर कार्ययोजना तैयार करने के साथ सर्वे शुरू कर दिया है। जल्द ही योजना मूर्त रूप लेगी। होल्डिंग एरिया में यात्रियों का विशेष ख्याल रखा जाएगा।
– हिमांशु शेखर उपाध्याय, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर रेलवे
