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रेल मंत्री के अपने शहर में लोगों को नहीं मिल रही सुविधाएं, कारोबारी ने जिस कोच की करवाई बुकिंग, वह डिब्बा ही ट्रेन से मिला गायब

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लुधियाना 2 दिसंबर। केंद्र सरकार के रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्‌टू के खुद के लुधियाना शहर में लोगों को रेलवे विभाग में सुविधाएं नहीं मिल पा रही। शहर के ही एक कारोबारी द्वारा रेलवे विभाग में सरेआम यात्रियों के साथ ठगी करने का आरोप लगाया गया है। कारोबारी का आरोप है कि उन्होंने जिस कोच की टिकट बुक की, ट्रेन में वह डिब्बा है ही नहीं था। जबकि उसकी जगह पर सस्ती टिकट वाला डिब्बा लगा रखा था। कारोबारी हितेश जैन की और से इस संबंध में रेलवे विभाग को शिकायत भी की है। हितेश जैन ने कहा कि वह जल्द इस मामले संबंधी कंज्यूमर कोर्ट में भी याचिका दायर करेगें। उनके मुताबिक यह ठगी अमृतसर शताब्दी ट्रेन नंबर 12013 में की जा रही है। हालांकि यह ठगी आज नहीं बल्कि पिछले लंबे समय से चली आ रही है।

दिल्ली से लुधियाना के लिए टिकट की थी बुक
हितेश जैन ने कहा कि उन्होंने दिल्ली से लुधियाना के लिए टिक्ट बुक की थी। यह टिकट 26 नवंबर को बुक हुई। उन्होंने अनुवर्ती ट्रेन कोच की दो टिकट बुक की थी। जिसके चलते वह दो दिसंबर को दिल्ली से लुधियाना पहुंचे। इस दौरान उन्हें ठगी का पता चला। उन्हें टिकट  पर के-1 डिब्बा अनुवर्ती का दिया था।

रेलवे विभाग ऐसे कर रहा ठगी
जानकारी के अनुसार करीब दो साल पहले रेलवे विभाग की और से अनुवर्ती ट्रेन कोच की शुरुआत की है। इसके अलावा ट्रेन में सीसी कोच, एग्जीक्यूटिव क्लास कोच और अनुवर्ती ट्रेन कोच होता है। जिसमें सीसी कोच की टिकट 900, एग्जीक्यूटिव की 1300 और अनुवर्ती की 1800 रुपए टिकट रेट है। रेलवे विभाग की और से अनुवर्ती की जगह पर एग्जीक्यूटिव कोच के डिब्बे लगा रखे हैं। लोगों जब अनुवर्ती की 1800 रुपए की टिकट लेकर ट्रेन में बैठने पहुंचते हैं तो उन्हें वहां एग्जीक्यूटिव कोच जिसकी टिकट सस्ती है, उसमें बैठा दिया जाता है। यानि कि रेलवे विभाग द्वारा ज्यादा पैसे लेकर सस्ते डिब्बों में लोगों को बैठाया जा रहा है। हितेश जैन के साथ भी ऐसे ही हुआ। जबकि यह टिकट ऑनलाइन बुक की गई। वहां पर भी अनुवर्ती कोच दिखाया जाता है।

कंप्लेंट बुक में भी फटे मिले पन्ने
हितेश जैन ने बताया कि जब वह डिब्बे में बैठे तो वहां मौजूद कई लोगों ने बताया कि पिछले दो साल से इसी तरह ठगी की जा रही है। जिसके बाद उन्होंने शिकायत करने के लिए कंप्लेंट बुक मंगवाई तो उसमें रेलवे विभाग से संपर्क करने के लिए लिखे नंबरों का पन्ना ही फटा हुआ था। फिर उन्होंने किसी तरह नंबर लेकर शिकायत की। फिर फिरोजपुर रेलवे मंडल से फोन आया कि 3-4 महीने से डिब्बा खराब होने के चलते वे ट्रेन में लगाया नहीं जा रहा। उन्होंने टी.टी.ई. को मौके पर बुलाकर बात की। उसने वीडियो बनती देखी तो वह बिना बात किए भाग निकला। हितेश अनुसार उन्होंने व अन्य यात्रियों ने टीटीई का नंबर मांगा तो वह भी गलत देकर वहां से चलता बना।

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