लोगों ने लगाया इलजाम, डॉक्टर देते हैं मनमर्जी से मरीजों को दवा
चरणजीत सिंह चन्न
जगरांव 5 फरवरी। पंजाब में लोगों को जानलेवा नशे से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने गांवों और शहरों में ओट सेंटर (ड्रग डिटॉक्सिफिकेशन सेंटर) खोले हैं। जहां नशा छोड़ने के इच्छुक लोगों को मुफ्त दवा दी जाती है।
यह दवा हर मरीज को एक हफ्ते तक देनी होती है और अगर किसी को कोई मजबूरी है तो वह बताकर दो हफ्ते तक दवा ले सकता है। जबकि जगरांव के पुराने रेडक्रॉस अस्पताल में खोले ओट सेंटर के डॉ. विवेक गोयल सरकार की हिदायतों को नजरअंदाज कर अपनी मर्जी से दवा देते हैं। नतीजतन दवा नाम मिलने पर मरीजों ने हंगामा कर दिया।
रामगढ़ के गुरप्रीत सिंह, रूमी के महिंदर सिंह, जगरांव के जगराज सिंह और राम लाल ने डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि यहां के डॉक्टर जानबूझकर हमें परेशान करते हैं। तीन दिन हो गए, लेकिन हमें दवा नहीं दी गई। डॉक्टर सिस्टम में खराबी का हवाला देकर हमें दवा दिए बिना ही लौटा रहे हैं।
वहीं, ओट सेंटर के डॉ. विवेक ने कहा कि दवा सरकार की तरफ से कम आ रही है, जिस कारण हम सभी को थोड़ी-थोड़ी दवा देते हैं। तीन दिन से कंप्यूटर सिस्टम काम नहीं कर रहा, जिस वजह से मरीज ने हंगामा किया। मरीजों से दवा की खुराक कम करने के लिए कहना पड़ता है, यही वजह है कि हम साप्ताहिक दवा नहीं देते हैं। डॉ. विवेक ने ओट सेंटर में पत्रकारों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया। जबकि वहां मौजूद एसएमओ डॉ.अजीत सिंह ने इस पर रोक नहीं लगाई।
इस बाबत सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. हरजीत सिंह ने कहा कि सरकार दवाइयों की कोई कमी नहीं होने दे रही। यदि ओएटी सेंटर की व्यवस्था में कोई खराबी है तो वहां के प्रभारी डॉ. विवेक हमें इसकी जानकारी नहीं दी।
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