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पटियाला : दिग्गज कांग्रेसियों को रास नहीं आई ‘गांधीगिरी’ अब चालू किया पार्टी उम्मीदवार डॉ.गांधी का खुला विरोध

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गांधी के खिलाफ पार्टी के प्रदेश प्रधान वड़िंग के सामने
वर्करों ने ही लगा डाले नारे दिग्गज नेताओं की शह पर

नदीम अंसारी
पटियाला 21 अप्रैल। इसे वक्त का फेर ही कहेंगे कि कभी कांग्रेस का गढ़ रहे पटियाला में इस बार कांग्रेस चौतरफा मुसीबतों से घिरी है। ऐसे में इस लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार डॉ.धर्मवीर गांधी का कांग्रेस में ही कड़ा विरोध हो रहा है। विरोध करने वाले वर्करों को दिग्गज कांग्रेसी नेता ही शह दे रहे हैं।
यहां गौरतलब है कि कांग्रेस के सूबा प्रधान व मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह के चलते यह शाही शहर पटियाला कांग्रेस का मजबूत गढ़ था। उनके बीजेपी में जाने से संकट बढ़ा तो कांग्रेस ने इसका सियासी-तोड़ निकाला। कभी आप के टिकट से चुनाव जीतने वाले पूर्व सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी को कांग्रेस में शामिल किया। फिर जैसे ही उनको पटियाला से ही पार्टी का कैंडिडेट बनाया तो सारा खेल बिगड़ना शुरु हो गया।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि गांधी को पटियाला से ही टिकट मिलने से कई कांग्रेसी दिग्गज नाराज हो गए थे। उनकी शह पर पार्टी वर्करों ने राजपुरा में चुनावी बैठक रखी। जिसमें कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को भी बुलावा भेजा। बताते हैं कि जैसे ही वड़िंग पहुंचे तो पार्टी की ‘गांधीगिरी’ से खफा वर्करों ने उम्मीदवार के खिलाफ रोष जताया। जबकि सूबे के पूर्व मंत्री लाल सिंह और पूर्व विधायकों हरदियाल सिंह कंबोज व राजिंदर सिंह ने भी डॉ. गांधी को टिकट देने के फैसले पर एतराज जताया। जब वड़िंग लौटने लगे तो दिग्गजों की शह पर वर्करों ने गांधी विरोधी नारेबाजी शुरु कर दी। मौके की नजाकत को समझते हुए वड़िंग ने वर्करों को शांत करने की कोशिश भी की, लेकिन नाकाम रहे।
विरोधियों ने दलीलें देकर निकाली भड़ास : बता दें कि इस मीटिंग में पूर्व विधायकों निर्मल सिंह व जगतार सिंह राजला के अलावा पंजाब महिला कांग्रेस की प्रधान गुरशरण कौर रंधावा भी मौजूद थीं। पूर्व विधायक कंबोज ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने डॉ. गांधी को ईमानदार बता टिकट दी। ऐसे सारे टकसाली कांग्रेसियों की छवि पर सवालिया निशान लगा, क्या वे सभी बेईमान हैं। वर्करों के मनों को ठेस पहुंचा उनका मनोबल गिराया। पूर्व विधायक राजिंदर बोले कि डॉ. गांधी को बड़ा बुद्धिजीवी कहते हैं। उनके जैसे बुद्धिजीवी पहले भी कई कांग्रेस में आए, सभी मलाई खाकर चलते बने। ये सारे बुद्धिजीवी सिर्फ सही मौके पर कांग्रेस में आते हैं। गांधी ने कांग्रेसी वर्करों पर झूठे पर्चे कराए थे। पूर्व मंत्री लाल सिंह बोले कि कांग्रेस पर घुसपैठियों का कब्जा हो रहा है। यह किसी भी स्थिति में ठीक नहीं है।


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