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गुस्ताख़ी माफ़ 27.10.2024
टीचर भरिए फटाफट, पायें कई गुलाम।
कोई भी इनको पकड़, करवा सकते काम।
करवा सकते काम, करानी हो जनगणना।
चाहे चलें चुनाव, कहीं सर्वे हो करना।
कह साहिल कविराय, पढ़ाई रहे फटीचर।
बाक़ी सब के लिए, भिड़ा दीजे बस टीचर।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल