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गुस्ताख़ी माफ़ 17.8.2024
चाहे कुछ भी कीजिए, बना रहेगा खोट।
पतियों के ही हाथ में, होगा सदा रिमोट।
होगा सदा रिमोट, भले मुखिया घरवाली।
पति असली सरपंच, बजाओ सारे ताली।
कह साहिल कविराय, तड़पते इतना काहे।
बदलेगा कुछ नहीं, आप कुछ कर लें चाहे।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल