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गुस्ताख़ी माफ़ 3.8.2024
तीन टर्म ही हैं हुए, हमें चाहिए सात।
हमें जिताते ही रहें, तभी बनेगी बात।
तभी बनेगी बात, बनेगा विकसित भारत।
अच्छी दुलकी चाल, किस लिए टंगड़ी मारत।
कह साहिल कविराय, और क्या अब समझाना।
सैंतालिस तक यहां, सिर्फ़ हमको जितवाना।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल





