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गुस्ताख़ी माफ़ 12.7.2024
अमरीका नाराज़ है, जलन हो रही घोर।
आंख-मटक्का रूस से, करते हो उस ओर।
करते हो उस ओर, इधर हम को टरकाते।
देते हम भी फूल, अगर अमरीका आते।
कह साहिल कविराय, लगाते माथे टीका।
रूस-वूस क्या चीज़, यार पक्का अमरीका।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल