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गुस्ताख़ी माफ़
देखी पानी की कमी, दुखी हुए भगवान।
आज्ञा देकर इंद्र को, करा दिया जल-दान।
करा दिया जल-दान, डुबो दी सारी दिल्ली।
जो थी अब तक शेर, बन गई भीगी बिल्ली।
कह साहिल कविराय, बघारी ऐसी शेखी।
इतनी मोटी कृपा, इंद्र की कम ही देखी।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल