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गुस्ताख़ी माफ़ 3.6.2024
अंदर ईवीएम पड़ीं, खड़ी कर रखी आड़।
बाहर कइयों ने रखे, तम्बू अपने गाड़।
तम्बू अपने गाड़, कर रहे पहरेदारी।
चौकीदारी करें, समर्थक बारी-बारी।
कह साहिल कविराय, डटे हैं कई सिकंदर।
बाहर तम्बू गड़े, रखीं ईवीएम अंदर।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल