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गुस्ताख़ी माफ़ 5.5.2024
जारी होते जा रहे, नित्य घोषणा-पत्र।
जाल बिछाने में जुटे, नेता-गण सर्वत्र।
नेता-गण सर्वत्र, बताते खुद को माली।
सब्ज़ बाग़ में नई, खिला देंगे हरियाली।
कह साहिल कविराय, वायदे भारी-भारी।
वोटर कैसे पटे, कंपटीशन है जारी।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल