Listen to this article
गुस्ताख़ी माफ़ 21.4.2024
कहाँ ज़ोर किस जाति का, मुख्य कौन-सा धर्म। लगे परखने-जाँचने, हर हलके का मर्म।
हर हलके का मर्म, उतारें ऐसा बंदा।
वोट बैंक पर डाल, सके जो पूरा फंदा।
कह साहिल कविराय, शर्म को भेजें लानत। जाति-धर्म की गर्म, रही है सदा सियासत।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल