गुस्ताख़ी माफ़

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गुस्ताख़ी माफ़ 3.3.2025

 

मां बोली हमने रखी, ख़ुद ही भैया छोड़।

आंटी बोली से रखा, नाता हमने जोड़।

नाता हमने जोड़, आईलेट्स करने जावें।

तज अपना पंजाब, विदेशों को हम धावें।

कह साहिल कविराय, अकल से खाली झोली।

आंटी प्यारी लगे, रुचे ना मां की बोली।

 

प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल

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