गुस्ताख़ी माफ़

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गुस्ताख़ी माफ़ 28.9.2025

खिंचवाना होता हमें, झाड़ू लेकर पोज।
नई बात इसमें नहीं, यह तो होता रोज़।
यह तो होता रोज़, न्यूज वाले बुलवाते।
जगह साफ़-सी देख, वहां कूड़ा फैलाते।
कह साहिल कविराय, सफाई सिर्फ़ बहाना।
झाड़ू लेकर पोज, हमें होता खिंचवाना।

प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल