हलवाई के खाते में जा रही थी चालाना की रकम, बड़े अफसर भी घोटाले में शामिल
पंचकूला 12 अक्टूबर। घपले-घोटालों के खिलाफ एक्शन लेने वाली पुलिस भी यही करने लगे तो इसे क्या कहेंगे। विजिलेंस के एंटी करप्शन ब्यूरो ने पंचकूला ट्रैफिक पुलिस के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। जिसमें वाहनों का चालान काटने के बाद ऑनलाइन जुर्माना हरियाणा पुलिस की बजाए एक हलवाई के खाते में जा रहा था। जानकारी के मुताबिक इस घोटाले में पंचकूला ट्रैफिक पुलिस के ईएसआई ओम प्रकाश, होमगार्ड जवान सचिन और एसपीओ सुरेंद्र सिंह पर मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो कर रहा है।
एडिश्नल जिला अटॉर्नी का चालान काटकर फंस गए :
एडिशनल डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रोहित सिंगला ने अगस्त, 2023 में विजिलेंस ब्यूरो में शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि जब वह अपनी कार से पंचकूला-यमुनानगर हाईवे से गुजर रहे थे। तब जलौली टोल प्लाजा के पास ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें ओवरस्पीड के आरोप में रोका। चालान भरने के लिए एक हजार रुपए का भुगतान ऑनलाइन स्कैनर के माध्यम से कराया। बाद में एडिश्नल जिला अटॉर्नी ने बैंक स्टेटमेंट देखा तो उन्हें पता चला कि वह राशि हरियाणा पुलिस के खाते में नहीं, बल्कि एक मिठाई की दुकान के खाते में जमा हुई है। जांच में यह चौंकाने वाली बात सामने आई कि जिस दिन ट्रैफिक पुलिस ने नाका लगाया था, उस दिन पुलिस थाने से ऐसा कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया था। नाका सिर्फ रिश्वत लेने और जनता से अवैध तरीके से पैसे वसूलने के लिए लगाया गया था।
विजिलेंस ब्यूरो ने जांच में पाया कि यह घोटाला व्यापक रूप से फैला हुआ है। जिसमें पंचकूला के विभिन्न स्थानों पर अवैध रूप से नाके लगाए गए थे। लोगों के किए चालान की राशि हरियाणा पुलिस के बजाय अन्य निजी खातों में जाती थी और इसे अधिकारियों तक बांटा जाता था। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि ट्रैफिक पुलिस ने इस घोटाले को छुपाने के लिए दुकानदारों के खाते का इस्तेमाल किया, ताकि किसी को शक ना हो। जांच का दायरा अब और भी बढ़ाया जा रहा है। कई अन्य अधिकारियों पर भी नजर रखी जा रही है, जो इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं।
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