हर जिले में अंतिम मतदाता सूचियां तैयार करने के लिए आदेश, दिसंबर में खत्म हो गया था कार्यकाल
चंडीगढ़ 10 जून। लोकसभा चुनाव निपटने के बाद अब सूबे में पंचायती चुनाव की तैयारियां शुरु हो गई हैं। जिसकी घोषणा किसी भी समय की जा सकती है। राज्य में इसके लिए पहल भी कर दी गई है।
बाकायदा इसके बारे में राज्य चुनाव आयोग की ओर से सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को पत्र लिखा गया है। उनको अंतिम मतदाता सूची तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने गांवों के वार्ड विभाजन और आरक्षण को लेकर पहले ही आदेश जारी कर दिए थे। राज्य में पिछले साल दिसंबर महीने के अंत में ही पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया था।
इसके बाद सभी डीसी को पंचायतों का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया गया। हालांकि इसी बीच लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो गई थी। लिहाजा सूबे में पंचायती चुनाव कराने की पहल नहीं की गई थी। अब लोस चुनाव निपटने के बाद सरकार ने फिर से इस दिशा में कार्रवाई की है। जानकारी के मुताबिक पंजाब में कुल 13 हजार 241 पंचायतें हैं। जबकि 153 ब्लॉक समितियां और 23 जिला परिषदें हैं। इनका कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 को पूरा हो गया था।
गौरतलब है कि राज्य में सबसे ज्यादा 1405 पंचायतें होशियारपुर जिले में हैं। जबकि पटियाला में 1022 पंचायतें हैं। पंजाब सरकार ने गत साल पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इन्हें 11 अगस्त, 2023 को भंग कर दिया था। जिस वजह से विवाद खड़ा हो गया था। अधिकतर सरपंच इसके विरोध में आ गए थे। उनकी दलील थी कि छह महीने रहते हुए सरकार उन्हें हटाकर उनके अधिकारों का हनन कर रही है। वह सरकार की तरफ से नियुक्त नहीं किए गए, बल्कि जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि हैं।
इसके बाद यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया था। इसके बाद पंचायतों को दोबारा बहाल किया गया था। बताते हैं कि अगर चुनाव प्रक्रिया में फिर से कोई तकनीकी अड़ंगा नहीं लगा तो अगस्त के मध्य में पंचायत चुनावों की आचार संहिता लग सकती है। पंचायत राज्य एक्ट के मुताबिक पंचायतों का कार्यकाल पांच साल है। साथ ही कार्यकाल खत्म होने से पहले चुनाव जरूरी है। जबकि ज्यादा मामला लटकाया तो लोगों के फिर से कोर्ट चले जाने का रिस्क पैदा हो जाएगा।
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