पंजाब/यूटर्न/1दिसंंबर: पाकिस्तानी तस्कर अब ड्रग्स की तस्करी के लिए छोटे और सस्ते ड्रोन इस्तेमाल कर रहे हैं। बीएसएफ के एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी से बचने के लिए उन्होंने यह तरीका अपनाया है। पंजाब में भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ कई ड्रोन गिरा चुकी है। इसलिए तस्कर अब कम मात्रा में ड्रग्स ले जाने वाले ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे ड्रोन पकड़े जाने पर नुकसान कम होता है। शनिवार को बीएसएप के इंस्पेक्टर जनरल अतुल फुलजेले ने बताया कि पकड़ी गई हेरोइन का लगभग 87 प्रतिशत ड्रोन से तस्करी की जा रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि पुराना छुपाकर सामान लाने वाला तरीका अब कम इस्तेमाल हो रहा है।
पहले करते थे हेक्साकॉप्टर का इस्तेमाल
पहले पाकिस्तानी तस्कर 4-5 किलो सामान ले जाने वाले हेक्साकॉप्टर इस्तेमाल करते थे। अब वे छोटे ड्रोन इस्तेमाल करते हैं जो लगभग 500 ग्राम हेरोइन ले जा सकते हैं। कम सामान ले जाने की भरपाई के लिए वे अब ज़्यादा बार उड़ाने भरते हैं। बीएसएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ए.के. विद्यार्थी ने बताया कि इस साल 30 नवंबर तक बीएसएफ ने 254.082 किलो हेरोइन पकड़ी है। इसमें से 215.633 किलो ड्रोन से लाई जा रही थी। पिछले साल बीएसएफ ने 440.597 किलो हेरोइन पकड़ी थी, जिसमें से 278.31 किलो ड्रोन के ज़रिए तस्करी की गई थी।
अब छोटे ड्रोन का कर रहे इस्तेमाल
इससे पता चलता है कि पाकिस्तानी तस्कर अब पुराने तरीकों की बजाय छोटे ड्रोन से ड्रग्स की तस्करी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 269 ड्रोन गिराए हैं। यह बीएसएफ जवानों की एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी बताया कि बीएसएफ ने पंजाब सीमा पर 3 पाकिस्तानी और अन्य तस्करों को मार गिराया है। साथ ही, 37 अलग-अलग हथियार और 409 राउंड गोला बारूद भी ज़ब्त किया गया है। यह चिंता की बात है कि तस्कर लगातार नए तरीके अपना रहे हैं। ड्रोन छोटे और सस्ते होने के कारण पकडऩा मुश्किल हो रहा है।
————–
