जालंधर 28 जुलाई। जालंधर सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात उस समय हड़कंप मच गया, जब आईसीयू में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई 2 मिनट के लिए बाधित हो गई। इस दौरान तीन मरीजों की मौत हो गई और दो की हालत बिगड़ गई, जिन्हें बाद में उपचार के बाद बचा लिया गया। घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। जैसे ही मामला सरकार तक पहुंचा तो, रात को करीब सवा एक बजे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह अस्पताल पहुंचे और अधिकारियों से मीटिंग की। सोमवार सुबह भी हालात पर नजर रखने के लिए मंत्री दोबारा अस्पताल पहुंचे। वहीं, दोपहर में पंजाब सरकार के मंत्री मोहिंदर भगत भी अस्पताल पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
25 मिनट बाधित रही सप्लाई
इसके साथ ही चंडीगढ़ से पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर डॉ. अनिल अग्रवाल ने अस्पताल की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया है कि ऑक्सीजन सप्लाई करीब 20 से 25 मिनट तक बाधित रही थी। डायरेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि घटना के वक्त नियमित ऑपरेटर छुट्टी पर था और उसकी जगह लगाए गए कर्मचारी की भूमिका भी जांच के घेरे में है।
मृतकों के परिजनों और स्टाफ के बयान दर्ज
प्राथमिक जांच के तहत आईसीयू में भर्ती रहे मृतकों के परिजनों, ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। ये बयान केस फाइल का हिस्सा बना दिए गए हैं, ताकि जांच में हर पहलू की समीक्षा हो सके। ट्रॉमा सेंटर के ऑक्सीजन प्लांट की फिजिकल और फंक्शनल जांच शुरू कर दी गई है। आईसीयू में लगे सभी जरूरी उपकरणों की भी जांच की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं कोई तकनीकी खामी तो नहीं थी।