— स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने इस घटना को ‘अक्षम्य’ प्रशासनिक लापरवाही बताया
— जालंधर सिविल अस्पताल में चार ऑक्सीजन बैकअप स्रोत मौजूद थे, लेकिन स्टाफ दबाव की निगरानी में विफल रहा
— स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही के प्रति पंजाब सरकार की शून्य सहनशीलता नीति को दोहराया गया
चंडीगढ़, 30 जुलाई: जालंधर सिविल अस्पताल में हुई एक दुखद घटना का गंभीर संज्ञान लेते हुए पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज मेडिकल सुपरिटेंडेंट और सीनियर मेडिकल अफसर समेत तीन डॉक्टरों को निलंबित तथा एक हाउस सर्जन को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं। इन अधिकारियों की गंभीर लापरवाही के कारण ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा आई, जिससे कई गंभीर मरीजों की मृत्यु हो गई।
निलंबित किए गए अधिकारियों में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राज कुमार, सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. सुरजीत सिंह, तथा ऑन ड्यूटी कंसल्टेंट एनेस्थीसिया डॉ. सोनाक्षी शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि इन तीनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है और घटना की विस्तृत जांच जारी है, जिसके आधार पर यदि दोष सिद्ध हुआ, तो इन्हें सेवा से स्थायी रूप से बर्खास्त किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में ये किसी भी सेवा लाभ के पात्र नहीं होंगे।
इसके साथ ही, ड्यूटी के प्रति घोर लापरवाही के चलते हाउस सर्जन डॉ. शमिंदर सिंह को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी खराबी के कारण रविवार शाम को ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे तीन गंभीर मरीजों की मौत हो गई।
मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री ने बताया कि प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि यह घटना पूरी तरह प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुई, जबकि अस्पताल में पर्याप्त बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन और चार ऑक्सीजन स्रोत उपलब्ध थे।
उन्होंने बताया कि अस्पताल में दोहरी कंप्रेसर युक्त पी एस ए ऑक्सीजन प्लांट, 18-20 सिलेंडरों वाला मैनिफोल्ड सिस्टम, और एक तरल मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट मौजूद है, जो चार स्तरीय बैकअप प्रदान करता है। इसके बावजूद ऑक्सीजन प्रेशर में भारी गिरावट आना ड्यूटी स्टाफ की घोर गैर-जिम्मेदारी को दर्शाता है।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि अस्पताल में 49 इंटर्नल मेडिकल अफसर, 46 डी एन बी डॉक्टर, 14 हाउस सर्जन और 17 मेडिकल अफसर हैं, जो प्रति बेड एक डॉक्टर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं। फिर भी ड्यूटी में लापरवाही के कारण कीमती जानें चली गईं।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हमेशा राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता दी है, और इन क्षेत्रों के लिए वित्तीय संसाधनों की कोई कमी नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री ने सभी सरकारी अस्पतालों में आई सी यू, ऑपरेशन थिएटर और आपातकालीन वार्ड जैसी महत्वपूर्ण इकाइयों में निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति और बिजली बैकअप सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश भी जारी किए। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में 24×7 ऑक्सीजन उपलब्धता, 30 मिनट की बैकअप सुविधा वाले यू पी एस सिस्टम, और पूरी तरह कार्यशील जनरेटर सेट अनिवार्य होने चाहिए।
अंत में उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसी लापरवाहियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।