ओशो लुधियाना मेडिटेशन सोसाइटी ने कराया गुरु पूर्णिमा को समर्पित महोत्सव

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यह होता है गुरु के प्रति प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन : स्वामी ध्यान सुमित

लुधियाना, 11 जुलाई। ओशो लुधियाना मेडिटेशन सोसाइटी की ओर से स्वामी ध्यान सुमित की देखरेख में गुरु पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। महोत्सव को लेकर ओशो सन्यासियों की ओर से उनके चित्र पर माल्यार्पण कर गुरु के प्रति श्रद्धा स्वरूप अर्पित किए गए।

इस अवसर पर स्वामी ध्यान सुमित ने ओशो के जीवन चरित्र पर प्रकाश  डालते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा का महोत्सव शिष्य के लिए अपने गुरु के प्रति प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है। यह दिन गुरु की उपस्थिति में शिष्य के हृदय में होने वाले परिवर्तन का उत्सव है। ओशो ने गुरु-शिष्य संबंध को फूल और बीज के रूप में वर्णित किया है। जहां गुरु बीज को अंकुरित होने में मदद करता है।

स्वामी सुमित ने कहा कि सनातन धर्म में यह एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो गुरु और शिष्य के बीच के पवित्र बंधन को मनाता है। ओशो के अनुसार, गुरु पूर्णिमा पर, शिष्य को अपने गुरु के वचनों को बिना किसी तर्क के सुनना चाहिए, उन्हें अपने हृदय में उतरने देना चाहिए, फिर बिना जल्दबाजी के उन पर अमल करना चाहिए।

इस अवसर पर दीक्षा गुडवानी, सोनू आहूजा,डॉ. चमकौर सिंह, जसविंदर कौर,सौरव आहूजा,  संतोष जिंदल,  केवल बांसल, रविंद्र, आकाश, मिलनप्रीत सिंह, प्रभजोत सिंह, अवतार सिंह , राजेश और अकाश आदि उपस्थित रहे।

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