लुधियाना की डाइंग यूनिटों पर एनजीटी का एक्शन
लुधियाना 27 नवंबर। लुधियाना में बुड्ढे नाले के दिन प्रतिदिन बिगड़ रहे हालात को देखते हुए एनजीटी की और से संज्ञान ले लिया गया है। जिसके चलते एनजीटी की और से शहर की 54 डाइंग इंडस्ट्रियों पर सख्त एक्शन लेने के आदेश दे दिए गए हैं। जिसमें वर्धमान समेत 10 नामी कॉर्पोरेट घरानों के नाम भी शामिल है। इसके अलावा बाकी के 44 यूनिट मीडियम व स्मॉल इंडस्ट्री के हैं। एनजीटी की और से यह आदेश पीपीसीबी (पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड) को दिए हैं। हालांकि इसी के साथ साथ एनजीटी ने मामले में कार्रवाई के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। यानि कि दो हफ्ते के अंदर अंदर पीपीसीबी को कार्रवाई करनी होगी। जानकारी के अनुसार बुड्ढा नाले को साफ करने के लिए एक तरफ जहां सफाई अभियान चलाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ साफ होने के जगह नाला दिन बर दिन और गंदा होता जा रहा है। जिसके चलते यह मामला एनजीटी के पास पहुंचा। इस मामले में बुधवार को सुनवाई थी। सुनवाई के बाद एनजीटी ने यह ऑर्डर जारी किए हैं।
सीवरेज में गिरा रहे थे गंदा पानी
जानकारी के अनुसार उक्त 54 डाइंग यूनिटें किसी भी सीईटीपी प्लांट के साथ अटैच नहीं थी। उनकी और से अपना डाइंग का गंदा पानी सीवरेज में डाला जा रहा था। जिसके बाद वह पानी निगम के एसटीपी प्लांट से होकर नाले में गिराया जा रहा था। जिससे नाला का पानी साफ नहीं हो रहा था। जबकि पहले ही डाइंग यूनिटों को अपना अनट्रीटेड पानी सीवरेज में गिराने से रोका गया था। लेकिन इसके बावजूद भी आदेश न मानने पर एनजीटी की और से संज्ञान लिया गया है।
काटे जाएंगे बिजली व सीवरेज कनेक्शन
अब पीपीसीबी की और से इस मामले में दो हफ्तों के अंदर अंदर एक्शन लिया जाना है। जिसकी रिपोर्ट बकायदा अगली सुनवाई के दौरान एनजीटी के समक्ष पेश करनी है। चर्चा है कि अब पीपीसीबी की और से मामले में नगर निगम और पीएसपीसीएल को पत्र लिखा जाएगा। जिसके चलते उक्त यूनिटों के बिजली व सीवरेज कनेक्शन काटे जाएंगे।
निगम को पहले भी दिए थे आदेश, मगर नहीं माने
बता दें कि इससे पहले भी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की और से इन डाइंग यूनिटों पर एक्शन लेना शुरु किया था। बोर्ड द्वारा इस संबंध में नगर निगम को पत्र भेजकर सीवरेज कनेक्शन काटने के आदेश दिए थे। लेकिन निगम अफसरों द्वारा उक्त आदेशों का पालन नहीं किया गया। चर्चा है कि आपसी सेटिंग के चलते अफसरों ने कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद यह मामला एनजीटी के पास पहुंचा, तो अब एक्शन शुरु हुआ।
इंडस्ट्रियल एरिया-ए के ज्यादातर यूनिट
एनजीटी की और से अपने आदेशों पर किस आधार पर एक्शन लेने के आदेश दिए हैं, यह ऑर्डर की कॉपी सामने आने के बाद पता चल सकेगा। लेकिन अभी तक पता चला है कि पीपीसीबी को जिन डाइंग यूनिटों पर एक्शन लेने के लिए कहा है, उसमें सबसे ज्यादा इंडस्ट्रियल एरिया-ए के 26 यूनिट हैं। जिसके बाद 10 कॉर्पोरेट घराने हैं। इसके अलावा कई यूनिट शहर के अंदर और सेंटर में लगे हैं, उन पर कार्रवाई होगी।
पहले भी डाइंग यूनिटों को जारी हो चुके नोटिस
बहादुरके डाइंग एसोसिएशन के प्रदाधिकारी रजनीश गुप्ता ने बताया कि इन 54 डाइंग यूनिटों को पहले भी पीपीसीबी की और से नोटिस निकाले गए थे, ताकि वह अपना पानी सीवरेज में गिराकर प्रदूषण न फैलाए। लेकिन आदेश नहीं माने गए। फिर निगम को कनेक्शन काटने को कहा, कार्रवाई न हुई तो अब एनजीटी ने एक्शन लेने के आदेश दिए हैं। ऐसे यूनिट गंदा पानी गिराकर बुड्ढे दरिया को गंदा करने के साथ साथ प्रदूषण फैला रहे हैं।
सरकार ने 10 साल पहले ही प्लांट लगाने को कहा था
डाइंग कारोबारी बॉबी जिंदल ने बताया कि 10 साल पहले ही तब की पंजाब सरकार द्वारा सीईटीपी प्लांट लगाने के आदेश दिए थे। सरकार ने कहा था कि प्लांट लगाओ, गंदा पानी सीवरेज में नहीं गिराया जाएगा। जिसके बाद ही शहर में अलग अलग डाइंग एसोसिएशन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर तीन सीईटीपी प्लांट लगाए। लेकिन इन यूनिटों द्वारा अपना पानी सीवरेज में गिराया जा रहा था। इसी के चलते एनजीटी ने एक्शन लिया है।