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आदेश जारी, अब स्कूलों में गलती होने पर बच्चों को मानसिक या शारीरिक दंड देने की बजाए टीचर्स उनको प्यार से समझाएं

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पिछली कुछ घटनाओं से सीख लेते हुए शिक्षा अधिकारी ने सभी सरकारी, प्राइवेट और एडेड स्कूलों को दिए हैं निर्देश

लुधियाना 3 जुलाई। सूबे के शिक्षा विभाग ने कई स्कूलों में अध्यापकों द्वारा विद्यार्थियों को मानसिक या शारीरिक दंड दिए जाने के मामले सामने आने पर गंभीर रुख अपनाया है। जिला प्रशासन और स्कूल शिक्षा विभाग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए इस बारे में स्कूल प्रबंधकों को निर्देश जारी किए हैं।

गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के सभी सरकारी, प्राइवेट और एडेड स्कूलों के प्रमुखों को पत्र जारी करके निर्देश दिए हैं। जिसमें साफ हिदायत दी गई कि स्कूल में किसी भी छात्र के साथ दुर्व्यवहार ना किया जाए और ना ही उसको शारीरिक दंड न दिया जाए। प्रिंसिपलों को हिदायत दी है कि अध्यापकों को भी इस बारे निर्देश जारी कर दिए जाएं।

इस बाबत जारी निर्देश-पत्र में शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि यदि कोई विद्यार्थी गलती करता है तो शिक्षक को उसकी मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसके साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करना चाहिए। शिक्षकों का दायित्व है कि वे छात्र को उसकी गलती से सीखने में मदद करें और भविष्य में अपने स्वभाव में सुधार लाने के लिए प्रेरित करें।

यहां गौरतलब है कि पिछले साल सितम्बर महीने के दौरान एक प्राइवेट स्कूल के टीचर ने छात्र की बेहरमी से पिटाई कर दी  थी। जिसका वीडियो स्कूल के ही किसी छात्र के पेरेंट्स ने बना  सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया था। उस मामले के बाद शिक्षा विभाग ने कड़े कदम उठाने के दावे किए थे। हालांकि अब जाकर उस बारे में निर्देश जारी किए गए हैं।

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