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नगर कौंसिल जीरकपुर में 8 की जगह पर काम कर रहा हैं मात्र एक बिल्डिंग इंस्पेक्टर

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दूसरे को दिया गया है मात्र दो दिन का एडिशनल चार्ज

 

इतना कम स्टाफ कैसे रोक सकता है पूरे शहर में चल रहे अवैध निर्माण

 

अवैध निर्माण की चेकिंग के दौरान एंक्रोचमेंट टीम के साथ अक्सर नहीं होते बिल्डिंग इंस्पेक्टर

 

जीरकपुर 09 Nov : शहर में ऊंची ऊंची इमारतें तथा बड़े-बड़े मॉल देखकर दूसरे राज्यों तथा दूसरे शहरों के लोग आकर्षित होकर लगातार जीरकपुर में रहने के लिए आ रहे हैं किसी समय 1 लाख से भी कम आबादी वाला शहर आज 6 लाख से अधिक आबादी वाला शायर बन गया है। यहां पर लगातार निर्माण कार्य चल रहे हैं लगातार हर तरफ निर्माण कार्य चलने के साथ-साथ बीच में बहुत से निर्माण अवैध रूप से भी किए जा रहे हैं जिनको रोकने के लिए सीधी सीधी नगर कौंसिल जीरकपुर की ही जिम्मेदारी बनती है हर रोज शिकायतें आने के बावजूद भी नगर कौंसिल द्वारा अवैध निर्माणों पर काबू पाना मुश्किल लग रहा है। इसके कई कारण हो सकते हैं जिसमें पहला कारण तो स्टाफ की कमी है अगर ईमानदारी से काम करने की चाहत हो तो स्टाफ की कमी कोई इतनी बड़ी बात नहीं होती एक व्यक्ति भी पूरे शहर को कंट्रोल कर सकता है लेकिन अगर स्टाफ भी पूरा हो और काम करने का तरीका भी ईमानदारी वाला ना हो तो गलत काम को रोकना नामुमकिन हो जाता है।

 

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जीरकपुर में 8 की जगह पर काम कर रहे हैं मात्र एक बिल्डिंग इंस्पेक्टर, दूसरे को दिया गया 2 दिन का एडिशनल चार्ज

 

नगर कौंसिल जीरकपुर के एसडीओ सुखविंदर सिंह से ली गई जानकारी के अनुसार नगर कौंसिल में बिल्डिंग इंस्पेक्टरों की कुल सीटें आठ हैं लेकिन यहां पर मात्र एक बिल्डिंग इंस्पेक्टर कम कर रहे हैं और दूसरे को दो दिन का एडिशनल चार्ज दिया गया है। जैसे के बिल्डिंग इंस्पेक्टर अजय बराडध यहां पर स्थाई तौर पर काम कर रहे हैं और बिल्डिंग इंस्पेक्टर शिवानी बंसल को जीरकपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया हुआ है जो के यहां पर हफ्ते में मात्र दो दिन के लिए ही आती हैं। इस बात से कोई भी आसानी से अंदाजा लगा सकता है कि इतने कम बिल्डिंग इंस्पेक्टर होने के चलते शहर में चल रहे अवैध निर्माण कैसे रोके जा सकते हैं।

 

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प्रोबेशन पर होने के चलते ड्राफ्ट्समैन नहीं कर सकते नक्शे चेक करने का काम ::::

 

नगर कौंसिल जीरकपुर में चार ड्राफ्ट्समैन काम कर रहे हैं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह ड्राफ्ट्समैन अपना नक्शे चेक करने का काम नहीं कर सकते या यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इनको नक्शे चेक करने की कोई इजाजत नहीं है। जानकारी के अनुसार सभी ड्राफ्ट्समैन उच्च अधिकारियों के आदेशों पर ही काम कर रहे हैं जैसे के कभी एस्टीमेट में उनकी ड्यूटी लगाई जाती है तो कभी डेवलपमेंट ब्रांच में तो कभी पराली जलाने की चेकिंग में भी ड्यूटी लगाई जाती है। इस संबंधी पूछे जाने पर एसडीओ सुखविंदर सिंह ने बताया कि अभी इनका प्रोबेशन पीरियड चल रहा है इसलिए इनको नक्शे चेक करने की ड्यूटी पर नहीं लगाया जा रहा तो यहां पर सवाल यह उठता है कि अगर इसे अभी नक्शे चेक करने का काम नहीं दिया जाएगा तो कब दिया जाएगा। यहां पर यह भी प्रश्न उठता है कि क्या इनसे कुछ छुपाने की कोशिश की जा रही है? यह भी एक बड़ा सवाल है कि जब ड्राफ्ट्समैन नक्शे चेक करने की सिफारिश नहीं कर सकते तो यह काम आखिर कौन कर रहा है? और इन सारे कामों का कंट्रोल किसके हाथ में है?

 

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अवैध निर्माण रोकने के लिए दोनों बिल्डिंग इंस्पेक्टरों की लगाई गई 5 जोन में ड्यूटी ::::

 

नगर कौंसिल द्वारा अवैध निर्माणों को रोकने के लिए जीरकपुर शहर को 5 जोन में बांटा गया है और इनमें दो बिल्डिंग इंस्पेक्टर तथा तीन ड्राफ्ट्समैन की ड्यूटी लगाई गई है। नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी द्वारा 5 नवंबर 2024 को एक पत्र जारी करके बिल्डिंग इंस्पेक्टर अजय बराड़ को जोन ए, बी और सी दिए गए हैं तथा बिल्डिंग इंस्पेक्टर शिवानी बंसल को जोन डी तथा ई दिए गए हैं। यहां पर एक बड़ा सवाल उठता है कि यह दोनों बिल्डिंग इंस्पेक्टर पूरे शहर में चल रहे अवैध निर्माण कैसे रोक सकते हैं। बिल्डिंग इंस्पेक्टर शिवानी बंसल हफ्ते में मात्र दो दिन के लिए ही जीरकपुर में आती है, क्या वह उन दो दिनों में दफ्तर में बैठकर अपना काम करेगी अथवा फील्ड में घूम कर अवैध निर्माणों को रोकेंगे?

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