चंडीगढ/यूटर्न /29 मई: आप पार्टी के नेता इस कदर शातिर है कि जब केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 21 दिन की रहत देकर जमानत दी तो पंजाब के नेता भी कहां पीछे रहने वाले थे। 40 करोड की धोखाधडी का आरोपी व 6 माह से जेल में बंद विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा भी राहत लेने के लिये तथा यह कह कर कि उन्होने चुनाव प्रचार करना है,इस लिये उनको जमानत दी जाये,पर सुप्रीम कोर्ट ने उनको जमानत नही दी,जिस कारण उनको नमोशी झेलनी पडी। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अरविंद कुमार की अवकाश पीठ ने एकपक्षीय आदेश (दूसरे पक्ष को सुने बिना आदेश) के माध्यम से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। इसमें केंद्रीय एजेंसी द्वारा उनकी गिरफतारी को चुनौती देने वाली जसवंत सिंह की याचिका के साथ-साथ अंतरिम जमानत के लिए उनके आवेदन पर केंद्र सरकार और ईडी से जवाब मांगा गया। ये जवाब एक हफते के भीतर दाखिल करना होगा। ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में जसवंत सिंह 6 महीने से अधिक समय से सलाखों के पीछे हैं। पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने 24 मई को उनकी गिरफतारी और रिमांड को रद्द करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में तत्काल अपील की गई। जसवंत सिंह मलेरकोटला में अमरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन पर अपनी कंपनी को दिए गए ऋणों का दुरुपयोग करके बैंकों से 40 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। जससंह ने आरोप लगाया है कि जिस तरीके से उन्हें गिरफतार किया गया, वह संविधान की धारा 19 का उल्लंघन है। वरिष्ठ एडवोकेट विक्रम चौधरी और एडवोकेट निखिल जैन आज शीर्ष अदालत के समक्ष जसवंत सिंह की ओर से पेश हुए।
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केजरीवाल की तरज पर गज्जनमाजरा भी पहुंचे राहत मांगने,मिली नमोशी,नही मिली जमानत
Kulwant Singh
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