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बुड्‌ढे दरिया की तर्ज पर ट्रैफिक जाम की समस्या भी बढ़ती गई, जो जो हल करने की कोशिशें की

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ट्रैफिक जाम: रविवार को भी लुधियाना में जीना हराम

लुधियाना  17 नवंबर। लुधियाना में एक तरफ सर्दी बढ़नी शुरु हो गई है, दूसरी तरफ लोग खरीददारी करने के लिए बाजारों में पहुंच रहे हैं। रविवार को सैकड़ों लोग बाजारों में शॉपिंग करने के लिए पहुंचे। हालात यह थे कि सुबह से लेकर रात तक बाजारों में पैर तक रखने की जगह नहीं थी। हालांकि इस दौरान लोगों को भारी ट्रैफिक जाम का भी सामना करना पड़ा। कई घंटे लोग जाम में ही फंसे रहे। हैरानी की बात तो यह है कि भारी संख्या में लोग बाजारों में पहुंचे थे, लेकिन वहां पर एक भी ट्रैफिक पुलिस मुलाजिम ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए मौजूद नहीं था। जिस कारण कई लोग तो बिना शॉपिंग किए ही घर वापिस चले गए। बाजारों में ट्रैफिक जाम लगने का प्रमुख कारण ई-रिक्शा व अवैध किए कब्जे सामने आए। निगम भी इन अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ है। पंजाब के प्रमुख शहरों में से एक और होजरी का हब कहे जाने वाले लुधियाना में ही ट्रैफिक के यह हालात है, तो बाकी शहरों में क्या होता होगा। वहीं लोगों में चर्चा थी कि जैसे बुड्‌ढे नाले की तरह जैसे जैसे पुलिस अफसरों द्वारा ट्रैफिक जाम की समस्या कम करने की कोशिश की गई, वैसे वैसे समस्या बढ़ती गई।

लोगों की सुरक्षा की भी नहीं प्रवाह
सभी को पता है कि विंटर सीजन के चलते लोग भारी संख्या में बाजारों में पहुंचेगें। विंटर के पहले रविवार को ऐसा देखने को मिला भी। लेकिन फिर भी वहां लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस बाजारों में तैनात नहीं थी। अफसरों की यह बड़ी लापरवाही सामने आई है। हालांकि घंटा घर चौक के पास जरुर एक पुलिस की गाड़ी के पास मुलाजिम खड़ा दिखा। लेकिन उसके अलावा किसी भी बाजार के बाहर और अंदर पुलिस नहीं दिखाई दी।

कंट्रोल न किया तो पैदल जाने को होना पड़ेगा मजबूर
वहीं लोगों में चर्चा है कि शहर की ऐसी कोई सड़क नहीं है, जहां पर ट्रैफिक जाम न रहता हो। इसका मुख्य कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु ढंग से न चलाना है। चर्चा है कि पुलिस मुलाजिम ट्रैफिक चालान काटने में व्यस्त रहते हैं। अगर अभी इस पर कंट्रोल न किया तो शहर में इतना ट्रैफिक जाम बढ़ जाएगा कि लोगों को पैदल ही अपने काम करने पड़ेगें।

बाजारों में ई-रिक्शा व बड़े वाहनों की एंट्री परेशानी का कारण
वहीं बाजारों में शॉपिंग करने आए लोगों का कहना है कि ई-रिक्शा, बड़े वाहनों की एंट्री और अवैध कब्जे ट्रैफिक का मुख्य कारण है। लोगों का कहना है कि रविवार के अलावा बाकी दिनों में भी चौड़ा बाजार, सराफा बाजार, गुड़मंडी, तलाब बाजार, दाल बाजार, किताब बाजार, दरेसी, सुंदर नगर, फिल्डगंज, करीमपुरा, सुभानी बिल्डिंग के दुकानदार बड़े वाहनों को बाजारों में घुसा देते हैं। जिस कारण वहां ट्रैफिक जाम लगा रहता है। जबकि इस पर रोक नहीं लग पा रही।

पहले लगाई थी रोक, फिर से हटी
बता दें कि ट्रैफिक में डीसीपी रहे सुखपाल सिंह बराड़ की और से पहले बाजारों में ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा व बड़े वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी थी। शनिवार व रविवार को खासकर एंट्री बैन थी। वहीं बड़े वाहनों की एंट्री रात के समय होती थी। जिसके चलते वहां पर ट्रैफिक जाम से लोगों को काफी निजात मिल सकी थी। लेकिन अफसरों के तबादले के बाद फिर नए अफसर इस प्रक्रिया को जारी नहीं रख सके और दोबारा से फिर वहीं हालात हो गए।

रेलवे स्टेशन के बाहर भी हालात बद से बत्तर
ऐसे ही हालात रोजाना रेलवे स्टेशन के बाहर देखने को मिलते हैं। जहां पर ट्रैफिक मुलाजिम खड़े होने के बावजूद ऑटो चालक सड़क पर वाहन खड़े कर देते है और सवारियां चढ़ाते हैं। पहले ट्रैफिक जोन इंचार्ज एएसआई अशोक चौहान की और से ऑटो खड़े करने के लिए अलग से लाइन लगवाई थी। लेकिन कुछ दिन तो चालकों ने ऑटो लाइन में खड़े किए। लेकिन अब वह लाइन वहीं पर रह गई और ऑटो सड़कों पर खड़े होते हैं।

 

ज्यादा फोर्स तैनात कर ट्रैफिक किया जाएगा कंट्रोल
एसीपी ट्रैफिक जतिन बांसल ने बताया कि बाजारों व सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात की गई है। जिनकी और से ट्रैफिक कंट्रोल किया जा रहा है। लेकिन बाजारों व प्रमुख स्थानों पर ज्यादा फोर्स तैनात की जा रही है, ताकि लोगों को समस्या न आए। इसी के साथ रेलवे स्टेशन के बाहर भी ट्रैफिक को दरुस्त किया जाएगा।

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