लाल किले के पास हुए भीषण धमाके में 14 लोगों की मौत के एक सप्ताह बाद हमले के आरोपित आतंकी डॉक्टर उमर मोहम्मद नबी का एक नया वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वह अंग्रेजी में भाषण देते हुए आत्मघाती हमलों और “शहादत” की अवधारणा को सही ठहराता नजर आ रहा है। वीडियो एक कमरे में अकेले बैठकर रिकॉर्ड किया गया है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
आत्मघाती हमलों पर उमर के विवादित दावे
वीडियो में उमर कहता है कि आत्मघाती बम विस्फोट को लेकर लोगों में कई गलतफहमियां हैं। उसके मुताबिक, यह एक “शहादत मिशन” है, जिसे इस्लाम में जाना जाता है। वह स्वीकार करता है कि इसके खिलाफ कई तर्क और विरोधाभास मौजूद हैं। उमर यह भी कहता है कि “मौत कब और कहां होगी, कोई नहीं जानता”, इसलिए इससे डरना नहीं चाहिए। उसकी बातें उसकी गहरी कट्टरपंथी मानसिकता को दिखाती हैं।
कट्टरपंथी सोच का बढ़ता खतरा
वीडियो से साफ होता है कि उमर ने इस हमले की योजना बहुत सोच-समझकर बनाई थी। इससे यह आशंका खारिज होती है कि धमाका गलती से हुआ होगा। यह वीडियो भारत में उभरते शिक्षित और कट्टरपंथी आतंकी नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
जांच में 68 संदिग्ध मोबाइल नंबर आए रडार पर
10 नवंबर को हुए धमाके में 14 लोगों की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे। जांच में पता चला है कि धमाके के समय सुनहरी बाग पार्किंग और लाल किले के आसपास 68 संदिग्ध मोबाइल नंबर सक्रिय थे। इन नंबरों पर पाकिस्तान और तुर्किये से कॉल आने की पुष्टि हुई है।
तकनीकी जांच में सामने आया कि डॉ. उमर की कार तीन घंटे से अधिक पार्किंग में खड़ी रही और उसके 30 मीटर दायरे में 187 मोबाइल सक्रिय थे। वहीं, विस्फोट स्थल पर पांच मिनट पहले और बाद में कुल 912 फोन सक्रिय पाए गए। इनमें से 68 नंबर दोनों जगह मौजूद थे, जो अब जांच का मुख्य आधार बने हैं।
जांच एजेंसियां अब इन नंबरों के विदेशी सर्वर और संदिग्ध आईपी-रूटिंग की गहराई से जांच कर रही हैं।





