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न्यू हाई स्कूल स्कैम में पुराने स्टूडेंट्स ने बनाई कमेटी, 1 हजार करोड़ का स्कैम, नामी कारोबारी, पूर्व मंत्री, पूर्व पार्षद पर आरोप, सीपी को देंगे शिकायत

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(राजदीप सिंह सैनी)

लुधियाना 17 अप्रैल। लुधियाना शहर में शिक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए का स्कैम करने का मामला सामने आया है। बहुचर्चित न्यू हाई स्कूल सिविल लाइन व सराभा नगर स्कैम में पुराने स्टूडेंट्स बड़ा एक्शन लेने जा रहे हैं। स्टूडेंट्स की और से न्यू हाई स्कूल एलुमनी एसोसिएशन गठित की गई है। जिनकी और से न्यू हाई स्कूल की कमेटी में जबरन घुसने, जाली संस्था बनाने और फिर जाली दस्तावेजों के आधार पर स्कूल की जमीनें बेचने के आरोप लगाए गए हैं। बुधवार को स्कूल के ओल्ड स्टूडेंट्स और एडवोकेट बिक्रम सिंह सिद्धू द्वारा एक प्रैस कांफ्रेस कर यह आरोप लगाए गए हैं। इस दौरान स्कूल की पूर्व टीचर भी मौजूद थी। उनकी और से यह आरोप कारोबारी सुनील मड़िया, पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, उनके भाई पूर्व पार्षद नरिंदर शर्मा काला व 10 लोगों पर लगाए हैं। उक्त नई गठित कमेटी के सदस्यों द्वारा वीरवार को कारोबारी सुनील मड़िया, पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, उनके भाई पूर्व पार्षद नरिंदर शर्मा काला और 10 लोगों के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी जाएगी। जिसमें उनकी और से सभी लोगों पर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत पर्चा दर्ज करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी 13 लोगों द्वारा मिलकर पंजाब सरकार की तरफ से दी गई स्कूल की इल्लीगल तरीके से जमीनें बेच दी गई। जिससे शिक्षा के सत्र को बढ़ाने की जगह कम कर दिया गया। प्रैस कांफ्रेस में एडवोकेट बिक्रम सिंह सिद्धू एसोसिएशन के प्रेजिडेंट राजेश गर्ग, वाइस प्रेजिडेंट मनोज गुप्ता, करन चावला, जनरल सेक्रेटरी अमरवीर सिंह समेत अन्य सदस्य मौजूद थे।

जबरन कमेटी में घुसकर, फिर बना डाली जाली संस्था

ओल्ड स्टूडेंट्स ने बताया कि 1966 में लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की और से सराभा नगर में 2200 गज जमीन स्कूल बनाने को अलाट की गई थी। वहीं सिविल लाइन में दो न्यू सीनियर सैकेंडरी और प्राइमरी स्कूल बनाने को जगह अलाट की थी। उन्होंने कहा कि तीनों स्कूल संस्था द्वारा चलाए जा रहे हैं। पेरेंट बॉडी रजिस्टर्ड सोसायटी के मुताबिक स्कूल को स्कूल में पढ़ते स्टूडेंट्स और उनके माता पिता ही संस्था को चला सकते हैं। 1997 तक सही तरीके से स्कूल चला। लेकिन फिर सुनिल मड़िया ने भारत भूषण आशु के साथ मिलकर अवैध तरीके से संस्था के मेंबर बन गए। जबकि दोनों का स्कूल में न तो बच्चा पढ़ता है और न ही वह यहां पढ़े हैं। जिसके बाद सुनील मड़िया 1998 में संस्था का प्रधान बन गया। जिसके बाद मड़िया ने 2001 में न्यू मैनेजिंग कमेटी न्यू हाई स्कूल के नाम से जाली संस्था बना ली।

अपने रिश्तेदारों व करीबियों को किया संस्था में शामिल
ओल्ड स्टूडेंट्स का आरोप है कि सुनील मड़िया और आशु की और से कमेटी का मेंबर बनने के बाद धीरे धीरे सभी मेंबरों को साइड़ कर दिया गया। फिर नई संस्था बनाकर अपने चहेतों को उसमें मेंबर बना दिया। नई संस्था बनाने के बाद मड़िया व आशु की और से अपने रिश्तेदारों और करीबियों को स्कूल की संस्था का मेंबर बनाना शुरु कर दिया गया। जिसके बाद स्कूल की 45 हजार गज की जमीन हड़पने की कोशिश की गई। जिसके बाद उनकी और से सभी जमीनें अलग अलग लोगों को बेच दी गई हैं।

इंप्रूवमेंट अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका
वहीं चर्चा है कि लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों की भी इसमें बड़ी हेरफेर है। ओल्ड स्टूडेंट्स का कहना है कि ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रमणियम और कुलजीत कौर की मिलीभगत के बाद ही स्कूल की जमीनों में हेरफेर किया गया है। जिसके चलते इसकी भी जांच होनी चाहिए।

तीन बाहरी स्कूलों को बेच डाली जमीन
वहीं उक्त सभी लोगों द्वारा मिलकर जाली दस्तावेजों के आधार पर जमीन की जाली डीड तैयार करवा रखी है। जबकि आईएएस ट्रस्ट के चेयरमैनपीएस गिल की और से जाली लीज डीड तैयार करने को आदेश जारी कर दिए गए हैं। उक्त लोगों द्वारा न्यू हाई स्कूल की जगह श्री राम यूनिवर्सल स्कूल, कंगारू किडस स्कूल और आर्चिड स्कूल बनवा दिया गया। उक्त स्कूलों के मालिक स्कूल भी सुनील मड़िया के साथ मिलकर जाली दस्तावेज बना सरकारी जमीन हड़पने वालों में ही शामिल हैं।

इन लोगों के खिलाफ दी शिकायत
नई संस्था के प्रधान राजेश कुमार गर्ग की और से किचलू नगर के सुनील मड़िया, सराभा नगर की नवीता गोयल, दुगरी की जैया बांसल, किचलू नगर के सनी मड़िया, मेजर शाम लाल रोड के नरिंदर शर्मा, केवल कृष्ण, पेटल नगर के भारत कुमार सोनी, गोपाल मड़िया, बलविंदर सिंह, प्रताप सिंह वाला के राजेश खन्ना, शिमलापुरी के इंद्रजीत के खिलाफ शिकायत दी गई है। इसके अलावा शिकायत में पूर्व मंत्री पर भी बड़े आरोप लगे हैं।

मुझे बतौर कौंसलर बनाया गया था मेंबर
वहीं इस संबंध में पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि मुझे दीवान जगदीश चंद्र द्वारा मेंबर बनाया गया था। तब मौजूदा कौंसलर होने के चलते वह मेंबर नियुक्त हुए थे। लेकिन बाद में उन्होंने मेंबरशिप छोड़ दी थी। इस संबंध में पूर्व पार्षद नरिंदर शर्मा को संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

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