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CM एमरजेंसी फंड को भी अफसरों ने बनाया ठगी का जरिया, ढ़ाई लाख तक ततकाल बिल हो रहे पास

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नगर निगम लुधियाना में छोटे बिलों की आढ़ में करोड़ों का हेरफेर का मामला

लुधियाना 17 सितंबर। लुधियाना के नगर निगम के ओएंडएम सेल की और से रोजाना 19 हजार के 30-35 छोटे बिल काटकर सरकार को करोड़ों का नुकसान करने का मामला सामने आया था। चर्चा है कि इस मामले के खुलासे के बाद निगम विभाग में हलचल मच गई है। जिन अधिकारियों द्वारा फर्जी बिल बनाए जा रहे हैं, उन्हें हाथों पैरों की पड़ी हुई है। जबकि अधिकारियों के साथ मिलकर ठगी करने वाली कंपनियां भी अपना बचाव करने में जुटी है। वहीं इस ठगी में शामिल असिस्टेंट कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर व जोनल कमिश्नर एक दूसरे से बातचीत करते नजर आए है। वहीं इस बीच एक और खुलासा हुआ है। लोगों में चर्चा है कि सीएम पंजाब की और से नगर निगम कमिश्नर को एमरजेंसी फंड के तौर पर ढ़ाई लाख रुपए तक इस्तेमाल करने के ऑर्डर दिए हुए हैं। यानि कि एमरजेंसी फंड के जरिए अधिकारी ढ़ाई लाख

रुपए तक खर्च कर बिल पास कर सकते हैं। लेकिन ओएंडएम सेल के अधिकारियों द्वारा उच्च अफसरों के साथ मिलकर इस फंड को अपनी कमाई का जरिया बना लिया गया है। चर्चा है कि अब ओएंडएम सेल के जेई से लेकर एसई तक अधिकारी हर कार्य को एमरजेंसी कार्य में डालकर ढ़ाई लाख रुपए तक के बिल बना रहे हैं। जबकि धड़ल्ले से  इसे पास भी कर दिया जा रहा है। एमरजेंसी के नाम पर हर महीने कई बिल बनाकर पास करवा लिए जा रहे हैं। जबकि यह पैसा घुमकर अधिकारियों की जेब में जा रहा है।

मिलीभगत वाली फर्मों के ही काटे जाते हैं बिल
दरअसल, ओएंडएम सेल के अधिकारियों द्वारा शातिर तरीके से यह ठगी का खेल खेला जा रहा है। चर्चा है कि अधिकारियों ने कुछ कंपनियां व फर्मों के साथ सेटिंग कर रखी है। जिसके चलते अधिकारियों द्वारा उन्हीं फर्मों व कंपनियों के बिल काटे जाते हैं। जिसमें से कुछ हिस्सा फर्मों को मिल जाता है, जबकि बाकी हिस्सा अधिकारियों को वापिस मिल जाता है। जिसे फिर उच्च सत्र के अधिकारियों से लेकर नीचे सत्र के अधिकारियों तक बांट लिया जाता है।

फर्मों की जीएसटी व परचेज में हो सकते बड़े खुलासे
पंजाब सरकार को चाहिए कि जिन वेंडरों व ‌फर्मों के नाम पर नगर निगम द्वारा बिल काटे जा रहे हैं, उनके खाते चैक किए जाए। चर्चा है कि फर्मों द्वारा जीएसटी भरा जा रहा है या नहीं और उनकी परचेज चैक होनी चाहिए। जिसमें बड़े खुलासे होने की संभावना है।

टैक्सी, मोबिल ऑयल समेत कई के काटे जा रहे बिल
चर्चा है कि एक टैक्सी चालक अपने टैक्सियां लगवाने संबंधी निगम ऑफिस आया था। जहां पर उसने अपना टैक्सी भेजने का काम तो शुरु कर लिया, लेकिन अब ओएंडएम सेल के अधिकारियों द्वारा उसी के जरिए फुटकल खर्चों के रुप में जाली बिल बनाए जा रहे हैं। यहां तक के मोबिल ऑयल समेत अन्य कार्यों के लिए भी एमरजेंसी फंड इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि ऑयल व अन्य कार्य ऐसे हैं, जिनके बारे में पहले पता होता है, फिर भी उसे एमरजेंसी में बताकर पैसा जेबों में डाला जा रहा है।

सीएम को की शिकायत, बदनाम हो रहे राजनेता
हालाकि शहर के कुछ लोगों मामले संबंधी सीएम भगवंत मान को भी शिकायत कर दी गई है। वहीं चर्चा है कि इस ठगी में 2-3 राजनेता भी शामिल है। जिन्हें पूरा महीना ठगी के बाद कुछ प्रतिशत मिलता है। लेकिन चर्चा है कि अधिकारी राजनेताओं की शह पर बड़े सत्र पर हेरफेर कर रहे हैं। जिसमें राजनेताओं को बदनाम कर उन्हें तो कुछ हिस्सा दे दिया जाता है, जबकि अधिकारी खुद ज्यादा प्रतिशत रखकर अमीर बन रहे हैं।

क्या नए कमिश्नर कर सकेगें खुलासा
वहीं चर्चा है कि निगम के नवनियुक्त कमिश्नर आदित्य डेचलवाल तक मामला पहुंच चुका है। अब देखना होगा कि निगम कमिश्रर द्वारा अधिकारियों के इस घोटाले के खेल को पकड़ा जा सकेगा या नहीं। क्योंकि लोगों में चर्चा है कि पूर्व कमिश्नर इस घोटाले को नहीं पकड़ सके थे। अब नए कमिश्नर पर लोगों की नजर है।

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