संदीप सैंडी
चंडीगढ़ 16 Nov : क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के सामने आई गड़बड़ी के चलते क्राइम ब्रांच और एंटी की गई। हैड कांस्टेबल अनिल कुमार और मंगत एएनटीएफ में तैनात थे, जबकि नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के तीन पुलिसकर्मियों को वीरवार देर रात अहम यूनिट थाने से निकालकर उनका तबादला वहां कर दिया गया, जहां वह गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे। इन तीनों में एक हैड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल शामिल हैं। आदेशों के तहत हेड कांस्टेबल अनिल कुमार और हैड कांस्टेबल मंगत को आईआरबी भेजा गया है, जबकि कांस्टेबल अजय कुमार को सैक्टर-26 पुलिस लाइन भेज दिया गया है। सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई क्राइम ब्रांच के एसपी जसबीर सिंह के निर्देश पर अजय कुमार क्राइम ब्रांच थाना में सेवाएं दे रहा था। वीरवार रात करीब साढ़े 11 बजे एसपी क्राइम के आदेशों के बाद डीएसपी क्राइम धीरज कुमार ने तीनों को तत्काल बदल दिया। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के अनुसार तीनों पुलिसकर्मी लंबे समय से संदेह के दायरे में थे। अधिकारियों ने इनकी गतिविधियों पर नजर बनाए रखी थी और जांच में इन्हें संदिग्ध पाया गया। आशंका थी कि भविष्य में ये कोई गड़बड़ी कर सकते हैं, इसलिए तुरंत प्रभाव से इन्हें अन्य शाखाओं में भेज दिया गया। सूत्रों का दावा है कि हैड कांस्टेबल अनिल कुमार और मंगत पर आरोप है कि वह क्राइम ब्रांच द्वारा ड्रग तस्करों पर की जा रही कार्रवाई की जानकारी लीक करते थे। कई बार रेड की सूचना तस्करों तक पहले ही पहुंच जाती थी, जिसके चलते वह फरार हो जाते थे। कांस्टेबल अजय कुमार का विवादों से पुराना संबंध रहा है। उस पर पहले भी पूनम नाम की ड्रग तस्कर के साथ मिले होने का आरोप लगा था, जिसके चलते उसे लाइन हाजिर किया गया था। इसका खुलासा भी दैनिक सवेरा ने किया था। अब क्राइम ब्रांच ने उसी महिला के भाई को गिरफ्तार किया है, जिसके कारण कांस्टेबल अजय की भूमिका फिर से संदेह के घेरे में आ गई थी। दरअसल हाल ही में क्राइम ब्रांच ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से 523 ग्राम कोकीन, क्रैक बाल, लाखों रुपयों की ड्रग मनी और सोने के आभूषण बरामद किए गए थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान डड्डूमाजरा निवासी सोनू उर्फ कल्लू, मलोया, स्माल फ्लैट्स निवासी सलमान उर्फ मुन्ना, सैक्टर-25 निवासी अनूप, सैक्टर-38डी निवासी सुनील उर्फ दर्शी व हिमगिरि एनक्लेव, न्यू बुराड़ी, दिल्ली निवासी बंटी के रूप में हुई थी। तीनों पुलिस वालों के तबादले को इन घटनाओं से जोड़कर भी देखा जा रहा है, क्योंकि आरोप है कि सूचना लीक होने से ड्रग तस्कर लगातार बच निकलते थे।





