मीटिंग में अपनी राय देकर क्रमवार लौटते गए कांग्रेस विधायक, चर्चाओं ने जोर पकड़ा
चंडीगढ़ 18 अक्टूबर। हरियाणा में विधानसभा चुनाव निपटने और नई सरकार बनने के बावजूद सियासी हलचल कायम हैं। अब गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस में नेता विपक्ष चुने जाने को लेकर रस्साकशी चल रही है।
जानकारी के मुताबिक नेता विधायक दल किसे बनाया जाए, इसकेलिए चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई। जिसमें कांग्रेस हाईकमान के तीन ऑब्जर्वर अशोक गहलोत, अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा के अलावा टीएस सिंह देव भी मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक ऑब्जर्वरों सभी विधायकों से वन टु वन मुलाकात कर उनकी राय जानी। यह एहतियात इसलिए भी बरती गई, ताकि गुटबाजी को और हवा ना मिल सके।
गौरतलब है कि ऑबजर्वरों से बातचीत के बाद सबसे पहले विनेश फोगाट वापस लौटीं। फिर इसी क्रम में बाकी विधायक भी अपनी राय बताकर बाहर आते गए। मीटिंग शुरू होने से पहले ऑब्जर्वर प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि इस मीटिंग में विधायक दल के नेता को लेकर चर्चा होगी। जो भी नाम सर्वसम्मति से होगा, उसकी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी जाएगी। इसके बाद दिल्ली से ही नाम का औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
यहां गौरतलब है कि साल 2019 में इस पद पर पूर्व सीएम भूपेंदर हुड्डा थे। हालांकि इस बार चुनाव में हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं। लिहाजा हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा का नाम चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा था। कुल मिलाकर हार के बाद भी हरियाणा में दिग्गज कांग्रेसी नेता एकजुट होने को राजी नहीं दिख रहे।
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