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हे ! प्रभु, इन्हें माफ करना…कॉन्वेंट स्कूल  तो मिशनरी का, मगर शहरियों को ‘कांटों का ताज’ पहना टांगा ‘सूली’ पर

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शहर में चर्चाएं, सभी धर्म के लोग आदर्श-स्कूल मान यहां पढ़ाते हैं अपने बच्चे, मैनेजमेंट ने ही भुलाया प्रभु का संदेश

लुधियाना 22 अक्टूबर। महानगर के पॉश इलाके सराभा नगर स्थित सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल की मैनेजमेंट अपनी कथनी और करनी में अंतर के चलते चर्चाओं में है। आम लोग स्कूल की मिशनरी-मैनेजमेंट को प्रभु यीशु मसीह के आदर्शों का पालन करने वाली मानती है। लिहाजा शहर में सभी धर्मों से जुड़े लोग सैक्युलर सोच के चलते अपने बच्चों के दाखिले बेहिचक इस स्कूल में कराते हैं। ताकि उनके बच्चे भी बेहतर शिक्षा हासिल करते हुए नैतिकता और संस्कार भी सीख सकें।

शिक्षा मंदिर ‘कमाई वाली दुकान’ बना !

चर्चाओं के मुताबिक इस नामी स्कूल की जैसी इमेज लोगों के जहन में है, जमीनी हकीकत उसके एकदम उलट है। मैनेजमेंट ने मिशनरी सोच को दरकिनार कर शिक्षा के इस मंदिर को पैसा कमाने की दुकान की तरह बना दिया। चर्चाओं पर भरोसा करें तो ‘गुप्त-दान’ देने वाले संपन्न लोगों के बच्चों को पहल के आधार पर यहां आसानी से दाखिले मिल जाते हैं। जबकि इंटरव्यू देने वाले पेरेंट्स तक काबिल होने के बावजूद उनके बच्चों को दाखिले नहीं मिल पाते।

स्कूल की मनमानियों से लोग परेशान :

बताते हैं कि पेरेंट्स से मोटी फीस वसूलकर भी बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती हैं। अपनी वैन और बसें स्कूल परिसर या पार्किंग बनवाकर उसमें खड़ी कराने की बजाए दाएं-बाएं रोड किनारे लगा दी जाती हैं। ऐसे में स्कूल लगने और छुट्‌टी के वक्त साथ लगते रोड्स पर भारी जाम लगता है। यहां तमाम रसूखदार नेताओं, धन्नासेठों और आला अफसरों के बच्चे पढ़ते हैं। उनको लाने-ले जाने के लिए आने वाली कारें भी मनमाने तरीके से सड़क पर ही रोकी जाती हैं। आसपास के निवासी और दुकानदार रोष जताते हैं कि  रसूखदारों का संरक्षण होने से स्कूल मैनेजमेंट मनमानियां करता है। ट्रैफिक पुलिस तो दीगर जिला प्रशासन भी इनकी मनमानी रोकने की जुर्रत नहीं करता है।

शिक्षा मंत्री तक ‘घर’ में झांकी नहीं मारते :

यहां गौरतलब है कि सूबे के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस लुधियाना के ही रहने वाले हैं। हालांकि उन्होंने भी कभी इस समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया। ऐसा नहीं कि वे बाकी प्राइवेट स्कूलों की तरह इस कान्वेंट स्कूल की मनमानियों से वाकिफ नहीं होंगे। लोग रोष जताते हैं कि इस स्कूल में जब-तब फंक्शन के मौके पर लंबी कतारों में कारें सड़कों पर खड़ी रहती हैं। जिससे ट्रैफिक जाम के चलते आम शहरी परेशान होते हैं। हद ये कि स्कूल वाले मोड़ पर सांसद मनीष तिवारी की कोठी के आगे तक पेरेंट्स कारें लगा कर चले जाते हैं। वहीं, जाम में उन जैसे वीआईपी तक के वाहन कई बार फंस जाते हैं। जबकि गली-मोहल्लों में वाहनों के चालान काटने वाली ट्रैफिक पुलिस इस तरफ से आंखें मूंदे रहती हैं।

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