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एकदम सही पकड़े हैं जी
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बढ़ती महंगाई अभी रुकती नजर नहीं आती
ऐसे में अर्थव्यवस्था दिख रही हिचकोले खाती
निर्मल वित्तमंत्री ऐसे में भी बनी बैठी हैं कठोर
अब तो टूटने लगी है गरीब की सांसों की डोर
—- बड़का वाले कविराय