अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में स्मार्टनेस से हुआ करोड़ों का खेला

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लुधियाना 9 मार्च। लुधियाना के नगर निगम में बड़े घोटाले होने के मामले अक्सर सामने आते रहते है। इस बार नगर निगम के अफसरों व कुछ तथाकथित राजनेताओं पर स्मार्ट सिटी के नाम पर ही स्मार्टनेस तरीके से करोड़ों रुपए का घोटाला कर दिया गया है। दरअसल, स्मार्ट सिटी के अधीन आते लैय्यर वैली को रीडवेलप करने की आढ़ में यह स्कैम किया गया है। जिसमें लैय्यर वैली में करोड़ों रुपए की कीमती मिट्‌टी चुराने, सस्ता मटीरियल इस्तेमाल कर हेरफेर करने की चर्चा है। चर्चा है कि यह स्कैम री-डवेलपमेंट करने वाली कंपनी के अधिकारियों द्वारा निगम अफसरों व कुछ तथाकथित राजनेताओं के साथ मिलकर किया है। इस के चलते मामले संबंधी अभी तक नगर निगम अधिकारियों द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया। जबकि इस घोटाले की सीएम भगवंत मान को भी लिखित में शिकायत की गई है। जिसे एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को जांच के लिए भेजा गया है। हालांकि मामले में अभी तक सरकार द्वारा भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। बल्कि एक दूसरे विभागों को पत्र भेजकर जिम्मेदारी से भागने का प्रयास किया जा रहा है।

करीब पौने तीन करोड़ रुपए में दिया गया था ठेका
जानकारी के अनुसार 2021 में यह ठेका नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधीन जेबी कंपनी को दिया था। यह ठेका करीब पौने तीन करोड़ रुपए में दिया था। चर्चा है कि यह काम तीन महीने के अंदर अंदर पूरा होना था। लेकिन इस काम को इतना लटकाया गया कि इसे 2024 में जाकर पूरा किया गया।

कंपनी ने ठेका आगे किया सबलेट
चर्चा है कि जेबी कंपनी द्वारा नगर निगम से उक्त ठेका को ले लिया गया। लेकिन बाद में उसे आगे सबलेट कर दिया गया। जो कि पूरे तरीके से गैरकानूनी है। क्योंकि निगम द्वारा कोई भी टेंडर किसी कंपनी की लिजिबिल्टी पर दिया जाता है। जिसके चलते बकायदा शर्तें भी रखी जाती है। शर्तें पूरी करने वाली कंपनी को ठेका मिलता है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि जेबी कंपनी द्वारा पार्क का ठेका आगे सबलेट कर दिया गया, लेकिन किसी अधिकारी द्वारा मामले में कोई एक्शन तक नहीं लिया। चर्चा है कि इस विकास कार्य में काफी मोटी कमाई हुई है। इसी के चलते जेबी कंपनी द्वारा इसे आगे सबलेट कर दिया।

कीमती मिट्टी की गई चोरी
चर्चा है कि लैय्यर वैली को दोबारा से डवेलप करने के लिए करीब तीन तीन फीट तक खुदाई की गई। हालांकि इसमें से निकली मिट्‌टी को सरकार के अधीन देना होता है। ताकि सरकार उसे आगे बेचे और पैसा सरकारी खजाने में जमा हो सके। चर्चा है कि ठेका लेने वाली कंपनी द्वारा अफसरों के साथ मिलकर उक्त मिट्‌टी को ही चोरी करते हुए खुर्द बुर्द कर दिया गया।

मिट्‌टी चोरी करने का बना ट्रेंड
लुधियाना में मिट्‌टी चोरी करने का तो ट्रेंड ही चल पड़ा है। जहां पर पहले ग्लाडा पर मिट्‌टी चोरी करने के आरोप लगे थे। वहीं अब उसी तरीके से नगर निगम और ठेकेदारों पर मिट्‌टी चोरी करने के आरोप लगे हैं। दरअसल, ग्लाडा के जेई पर सेक्टर-32 में पीडीए की सीवरेज लाइन डालने के लिए की गई खुदाई में निकली मिट्‌टी चोरी करने के आरोप लगे थे। उसी तरह अब नगर निगम के अफसरों पर लैय्यर वैली की मिट्‌टी चोरी करने के आरोप लगे हैं।

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