वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक। 8 अक्टूबर चुनाव परिणाम।
पानीपत : प्रस्तुति डा. महेन्द्र शर्मा साहित्य, आयुर्वेद एवं ज्योतिषाचार्य।
: परिवर्तन देश राज्य की सूरत देख तुगलक भी शर्माता होगा।
सो सो कर वो उठता होगा सिर धुन कर सो जाता होगा।।
नेताजी ने समझ रखा था देश को कठपुतली और खिलौना
उछल कूद कर मर्कट की भांति उजाड़ दिया वतन सलोना
थूका चाटा और थूका बेच दिया है भारत देश को
क्या लिखूं और क्या पढ़े कोई इस छद्म दरवेश को
अपात्र पर क्रिया करने का फल कभी भी अच्छा नहीं होता
एक बूंद नींबू के रस से फट कर जैसे दूध रूप अपना खोता
यदि रहा ये राज्य की क्रूरता छाएगी अगले साल में
सिर धुन कर रोयेगी जनता दया करो इस हाल में
हाथ जोड़ कर अब तो जनता देखती है आकाश में
भुखमरी लूटपाट के मंजर से आलम अब निराश है
कान फट गए जनता के सुनकर लच्छेदार झूठे भाषण
देश पर दया करो तुम मर चुका दया धर्म अर अनुशासन
कहते हैं “महेन्द्र” मूर्ख नहीं है देश की जनता
काठ की हांडी में रोज़ रोज़ खाना नहीं बनता
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डॉ. महेन्द्र शर्मा।