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अब राजनेता की सिफारिश पर ग्लाडा में पास हो रही चंडीगढ़ रोड पर बनी इल्लीगल इमारत

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पुलिस मुलाजिम ने राजनेता की डलवाई सिफारिश, उच्च अधिकारियों की शह पर ग्लाडा करेगा कंपाउंड

राजदीप सिंह सैनी
लुधियाना 3 मई। सरकार द्वारा इल्लीगल इमारतें बनाने वाले लोगों को सजा के तौर पर कंपाउंडिंग नियम लाया गया था। लेकिन सरकारी विभागों के अधिकारी उसी नियम को अपनी सुविधा के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। यानि कि कोई भी व्यक्ति कही भी इल्लीगल इमारत बनाए और फिर अधिकारियों से सेटिंग कर उसे कंपाउंड करवा लीगल करवा ले। इसमें यह कहावत सही बैठती है कि अगर सरकार भ्रष्टाचार रोकने को कोई नियम लागू करती है, तो भ्रष्ट लोग उसे तोड़ने के 100 हल भी निकाल लेते हैं। ऐसी ही ताजा उदाहरण लुधियाना के ग्लाडा में देखने को मिल रही है। जिसमें ग्लाडा के अधिकारी सरेआम एक इल्लीगल बिल्डिंग को अब लीगल करने के लिए कंपाउंड करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि कंपाउंड ही नहीं बल्कि बिल्डिंग मालिक को कम से कम जुर्माना लगाने की भी चर्चा चल रही है। यह बिल्डिंग किसी और की नहीं बल्कि एक राजनेता की सिफारिश पर कंपाउंड होने जा रही है। उक्त बिल्डिंग चंडीगढ़ रोड स्थित सेक्टर-32 के नजदीक 102 गज की बताई जा रही है। चर्चा है कि उक्त बिल्डिंग के मालिक का रिश्तेदार एक पुलिस मुलाजिम हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इस इल्लीगल बिल्डिंग में ग्लाडा के उच्च अधिकारियों की और से ही कंपाउंड करने की सिफारिश की गई है। जिसके बाद अब नीचले सत्र के अधिकारी इस मामले में जुझ चुके हैं। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि एक तरफ तो राजनेताओं द्वारा खुद का दामन स्वच्छ बताकर बड़े बड़े दावे किए जाते हैं। लेकिन दूसरी तरफ उनके द्वारा इस तरीके से इल्लीगल इमारतें पास करवाई जा रही है।

मुलाजिम बोला राजनेता साहब से कराया फोन
चर्चा है कि उक्त पुलिस मुलाजिम के रिश्तेदार की चंडीगढ़ रोड पर दो मंजिलां बिल्डिंग है, जो कि इल्लीगल है। इस संबंध में पुलिस मुलाजिम अपने रिश्तेदार के साथ उक्त राजनेता के पास गया। राजनेता द्वारा ग्लाडा के उच्च अधिकारी को बिल्डिंग कंपाउंड कर इसे लीगल बनाने के आदेश दे दिए गए। सूत्रों के अनुसार पुलिस मुलाजिम द्वारा खुद ग्लाडा के एक अधिकारी को आकर यह बात बताई गई है।

ग्लाडा अधिकारी ने नीचे सत्र के अधिकारी से काम कराने को कहा
हैरानी की बात तो यह है कि ग्लाडा एक तरफ इल्लीगल इमारतें न बनने देने के दावे करती है। जबकि दूसरी तरफ नगर निगम की इल्लीगल बिल्डिंग बनवाओ और फिर कंपाउंड करवा लीगल बनाओ की पॉलिसी पर चल रही है। सूत्रों के अनुसार उक्त बिल्डिंग मालिक व मुलाजिम ग्लाडा के अधिकारी से मिले। आगे से अधिकारी ने भी काम कराने को नीचे सत्र के अधिकारी से मिलने को कहा। यानि की गुपचुप तरीके से बिल्डिंग कंपाउंड कराने का प्रयास किया जा रहा है।

तुसी ऊपर अफसरां कोल पहुंच गए, कोई न कम हो जाउगा
वह बिल्डिंग मालिक व मुलाजिम बिल्डिंग संबंधी ग्लाडा के दूसरे अधिकारी के ऑफिस पहुंचे। जहां पर अधिकारी तो नहीं मिला, लेकिन उनके ऑफिस का अधिकारी जरुर मिला। जिसकी और से मुलाजिम को कहा गया है कि तुसी ऊपस अफसरां कोल पहुंच गए, फिर काहदी दिक्कत आ, कोई न कम हो जाउगा। जबकि उक्त अधिकारी द्वारा नियमों के मुताबिक बिल्डिंग में कैसा नक्शा बनाना होता है और कंपाउंडिंग में क्या क्या चार्ज लगते हैं, इसकी जानकारी भी मालिक को दी गई। जबकि बाद में यह भी कह दिया गया है कि कोई बात नहीं अधिकारियों से मिल लिए, हम खुद ही एडजस्ट कर लेगें। जिसके बाद अधिकारी ने यह भी कहा कि उच्च अधिकारी द्वारा उसी से बिल्डिंग की फाइल मंगवाई गई थी। जिसके बाद बिल्डिंग मालिक ने रसीद मोबाइल पर भेजने की बात भी कही।

सिफारिशी लोगों के मोबाइलों पर होते काम
हैरानी की बात तो यह है कि वैसे ग्लाडा के अधिकारी जल्द किसी से मिलते नहीं। अगर दोपहर को एक बज जाए तो उससे एक मिनट बाद भी पब्लिक से नहीं मिलते। बकायदा बाहर बोर्ड तक लगा रखे हैं। लेकिन ऐसे सिफारिशी लोगों के वह मोबाइल पर ही भेजे दस्तावेजों के आधार पर काम कर देते हैं।

सरकार की पॉलिसी के तहत ही होती है कंपाउंडिंग
वहीं सुपरीटेडेंट मनप्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं है। किसी भी बिल्डिंग की कंपाउंडिंग सरकार की पॉलिसी के मुताबिक ही होती है।

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