सीएम मान ने गड़े मुर्दे उखाड़ अकालियों को घेरा था
मजीठिया खुद को ‘क्लीन-चिट’ देते जवाब दे चुके हैं
नदीम अंसारी
लुधियाना/13 अप्रैल। पंजाब में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार अभियान के दौरान फिलहाल तक किसी भी पार्टी के पास वोटरों को रिझाने वाला कोई अहम मुद्दा नहीं है। जाहिर है, ऐसे में प्रमुख दलों के नेता आपस में ही ‘जुबानी-जगं’ लड़ते हुए निजी हमलों पर उतर आए हैं। जलियांवाला बाग के बर्बर कांड को अंजाम देने वाले फिरंगी फौज के जनरल डायर को भारतीय परिवार में डिनर पर बुलाने का मामला फिर गर्माने लगा है।
हाल ही में सीएम भगवंत मान ने ट्विट कर यह मुद्दा उठाते हुए सीधेतौर पर सीनियर अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर हमला बोला था। सवाल कर उन्होंने पूछा था कि मजीठिया सीधे-सीधे बताएं कि उनके परिवार ने जनरल डायर का डिनर किया था या नहीं ? सीएम मान ने यहां तक कह डाला था कि अगर इस बात में सच्चाई नहीं हुई तो वह मुख्यमंत्री पद से ही इस्तीफा दे देंगे। जिसके बाद मजीठिया ने इंकार करते हुए कहा कि नहीं, उनके घर कोई डिनर नहीं हुआ था। खैर, यह विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि इस विवाद में अब भाजपा की भी एंट्री हो गई।
अमृतसर में जालियांवाला बाग में बरसी समागम के दौरान पंचरंग आर्टिस्ट ग्रुप ने स्कूली बच्चों के पेंटिग मुकाबले कराए। जिसमें भाजपा की वरिष्ठ नेता प्रो. लक्ष्मीकांता चावला मुख्य मेहमान बतौर पहुंचीं। हालांकि एक प्रोफेसर के तौर पर उन्होंने शालीनता के दायरे में रहते किसी भी परिवार का नाम लिए बगैर कहा कि जिस समय जलियावालां बाग में सैकड़ों लोग खून से लथपथ पड़े थे, तब आज के एमपी, एमएलए बने बैठे लोगों के परिवार के मुखिया ने जनरल डायर को अपने घर पर डिनर कराया था। साथ ही डायर का सम्मान भी किया था। ऐसे शासकों के वंशज आज भी खुद को देश के हिमायती कहते हैं और देश और पंजाब की चिंता का एक नाटक करते हैं। उनका बहिष्कार किया जाए, उन्हें वोट न दिया जाए।
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