अब जनता के उपहास के सौ दिन

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देश में मोदी सरकार-3 ने अपने कार्यकाल के सौ दिन पूरे करने के साथ ही अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटना शुरू कर दिया है लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के बेल-कीपर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा से ये उपलब्धियों का शोर न जाने कहाँ दब गयीं । अब देश में चरों तरफ उपलब्धियों का नहीं हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभाओं के चुनावों में हो रहे आरोप-प्रत्यारोपों का शोर ज्यादा तेज है।

बैशाखियों के सहारे 100 दिन सरकार चलने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के लिए बधाई बनती है। मै मोदी जो को उनकी इस कामयाबी के लिए बधाई देता हूँ ,हालाँकि मेरी बधाई उनके किसी काम की नहीं है। उन्हें तो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बधाई चाहिए। जो अभी तक आई नहीं है । आसपड़ोस के किसी देश से 100 दिन की सरकार के लिए बधाइयों का न आना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना महत्वपूर्ण माननीय प्रधानमंत्री द्वारा झारखण्ड की जनता को झारखंड के तीन दुश्मनों के नाम गिनाना है।

जिस समय मोदी जी को अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाना था उस समय वे हरियाणा,जम्मू-कश्मीर और झारखण्ड में उलझे हैं और इन राज्यों में कांग्रेस,आरजेडी,झामुमो और नेशनल कांफ्रेंस तथा दीगर विरोधी दलों की कमियां गिना रहे हैं ,लेकिन मै ऐसा नहीं हूँ। मै आपको बताऊंगा कि मोदी जी की सरकार ने 100 दिन में देश के लिए क्या किया और क्या नहीं किया ? सरकार की और से दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में तीन लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। सरकार ने कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को सुविधाजनक बनाने के लिए बुनियादी ढांचे में 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है. पीएम मोदी ने 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है।

पिछले महीने के अंत में, पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली मेगा वधवन पोर्ट परियोजना और कई अन्य विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी,क्योंकि वहां विधानसभा कि चुनाव होना हैं। इसके पूरा होने पर, इससे देश में 12 लाख नौकरियां और लगभग 1 करोड़ अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। भगवान करे कि ऐसा हो। मोदी जी तो सब कुछ करना चाहते हैं लेकिन उनकी योजनाओं पर काम करने वाली तमाम एजेंसियां सब गुड़- गोबर कर देतीं है। वे हवाई अड्डे बनाती है तो टपकने लगते है। पुल बनातीं है तो वे बह जाते हैं। सड़कों में गढ्ढे हो जाते हैं।

आपको मोदी सरकार के सौ दिन की उपलब्धियों कि साथ ही सरकार की नाकामियों कि बारे में भी जानना चाहिए। सरकार को इन सौ दिन में संसद में और संसद कि बाहर बार-बार मुंह की भी खाना पड़ी । सरकार वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पारित नहीं करा पायी । सरकार को लैटरल एन्ट्री पर अपने कदम वापस लेने पड़े, सरकार मीडिया से जुड़े विधेयक पर भी पीछे हट गयी । सरकार बंगाल और दिल्ली में सरकारों को नहीं हिला सकी । सरकार मणिपुर की आग नहीं बुझा पायी। लेकिन इस सबसे क्या ? सरकार ने इन सौ दिनों में बैशाखियों पर चलना सीख लिया। मणिपुर जलता रहा लेकिन सरकार यूक्रेन को बचने निकल पड़ी । बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद सरकार वहां कि हन्दू अल्पसंख्यकों कि लिए सीना तानकर खड़ी नहीं हो पायी ,लेकिन सरकार ने अमेरिका में राहुल कि बयानों को लेकर मोर्चा जरूर लिया।

सौ दिन की सरकार कि मुखिया झारखण्ड में चुनाव पूर्व की रैलियों में दावा कर रही है कि झामुमो के लोग बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के साथ खड़े हैं। ये घुसपैठिए और कट्टरपंथी झामुमो को भी अपने कब्जे में लेते जा रहे हैं। इनके लोग झारखंड मुक्ति के भीतर भी घुस गए हैं। जानते हैं ऐसा क्यों हुआ? क्योंकि झामुमो में कांग्रेस का भूत घुस गया है ,लेकिन मोदी जी कि पास इस बात का कोई जबाब नहीं है कि उनकी सरकार तो बांग्लादेश की पूर्व मुख्यमंत्री शेख हसीना को ही अपना मेहमान बनाये बैठी है ,जबकि उनके खिलाफ उनके अपने देश में हत्या जैसे जघन्य आरोपों कि 58 मामले दर्ज हैं।

प्रधानमंत्री की सरकार कि सौ दिन पर विपक्ष कि सौ दिन भारी पड़ते नजर आ रहे है। प्रधानमंत्री जी की पार्टी हरियाणा में बगावत की आग से झुलस रही है । जम्मू-कश्मीर में भाजपा कि लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। बिहार में भाजपा कि गठबंधन की सरकार हिचकोले ले रही है। महाराष्ट्र में भाजपा -शिव सेना [शिंदे गुट ] को अल्पसंख्यक महिलाओं को बुर्के बांटना पड़ रहे हैं।बावजूद इसके देश की सरकार उपलब्धियों वाली सरकार है । देश के बुजुर्गों से रेल रियायतें छीनने वाली सरकार नयी वंदे भारत रेलें चलाने में व्यस्त है लेकिन उसे देश की अस्त-व्यस्त रेल सेवाओं की फ़िक्र नहीं है। बहरहाल अब देश की नजर मोदी जी के बजाय अरविंद केजरीवाल पर है । ममता बनर्जी पर है । केजरीवाल तो बेल मिलने के बाद इस्तीफा दे रहे हैं लेकिन भाजपा के राजस्थान के मुख्यमंत्री को नैतिकता के तराजू पर नहीं तौला जा रहा,जबकि वे भी उमा भारती की तरह एक अदालत में आरोपी बनाये जा चुके हैं। बहरहाल तेल देखिये और तेल की धार देखिये। एक पखवाड़े तक अपने पूर्वजों को पूजने और सियासत में उन्हें गरियाने का मौसम भी आ ही रहा है ।

@ राकेश अचल

हरजोत सिंह बैंस और दीपक बाली द्वारा बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस से संबंधित समागमों के लिए निमंत्रण चंडीगढ़, 8 नवंबर पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस और पर्यटन व सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सलाहकार श्री दीपक बाली ने आज राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान श्री बैंस ने बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से 23 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले “सर्व धर्म सम्मेलन” में शामिल होने की अपील भी की। यह सम्मेलन श्री गुरु त़ेग बहादुर जी की धर्म (हक-सच) की रक्षा के लिए दी गई शहादत और आपसी भाईचारे के संदेश के व्यापक प्रसार के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। श्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की विरासत को पूर्ण श्रद्धा और सच्चे दिल से नमन करने के लिए इस समागम में विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक हस्तियों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की अनुपम शहादत और अमर विरासत को नमन करते हुए विनम्रता से पंजाब सरकार के निमंत्रण को स्वीकार किया। —

हरजोत सिंह बैंस और दीपक बाली द्वारा बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस से संबंधित समागमों के लिए निमंत्रण चंडीगढ़, 8 नवंबर पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस और पर्यटन व सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सलाहकार श्री दीपक बाली ने आज राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान श्री बैंस ने बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से 23 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले “सर्व धर्म सम्मेलन” में शामिल होने की अपील भी की। यह सम्मेलन श्री गुरु त़ेग बहादुर जी की धर्म (हक-सच) की रक्षा के लिए दी गई शहादत और आपसी भाईचारे के संदेश के व्यापक प्रसार के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। श्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की विरासत को पूर्ण श्रद्धा और सच्चे दिल से नमन करने के लिए इस समागम में विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक हस्तियों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की अनुपम शहादत और अमर विरासत को नमन करते हुए विनम्रता से पंजाब सरकार के निमंत्रण को स्वीकार किया। —