हाईकोर्ट का शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की याचिका सुनने से इंकार
पटियाला 10 दिसंबर। अब पंजाब के किसान 14 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करेंगे, किसान नेताओं ने यह ऐलान किया। उन्होंने मंगलवार को शंभू बॉर्डर पर मीटिंग में इसका फैसला लिया।
जिसके बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी। किसान नेता तेजबीर सिंह ने कहा कि इस आंदोलन को 13 दिसंबर को 10 महीने पूरे हो रहे हैं। ऐसे मे 13 तारीख को बड़े समागम होंगे। उन्होंने कहा कि जैसे हरियाणा में इंटरनेट सेवा बंद है, वैसे ही हमें पता लगा है कि पंजाब एरिया में भी बॉर्डर से डेढ़ किलोमीटर तक इंटरनेट बंद किया जा रहा है। अभी तक सरकार की तरफ से मीटिंग का कोई न्योता नहीं आया है।
इसके पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू-खनौरी बॉर्डर खोलने की जनहित याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा है कि यह मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट जाकर अपना पक्ष रखें। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली। इस दौरान पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार के वकील मौजूद रहे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी कल सोमवार को बॉर्डर खोलने की याचिका खारिज कर दी थी।
डल्लेवाल की भूख हड़ताल से हालत बिगड़ी :
इसी बीच हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर डटे किसानों का चूल्हा नहीं जला। यहां सभी किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ पूरा दिन भूख हड़ताल पर बैठे। आसपास के गांवों के लोगों को भी मोर्चे पर लंगर नहीं लाने को कहा गया था। वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि डल्लेवाल की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। उनका मरणव्रत 15वें दिन में दाखिल हो गया है। उन्हें स्टेज पर आने में भी दिक्कत आ रही है। किडनी और लिवर पर असर पड़ रहा है। वहीं, डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा है कि उनका ब्लड प्रेशर 124/95, शुगर 93, पल्स 87 है। वहीं, वजन 11 किलो कम हो चुका है। डल्लेवाल का कहना है कि यह आर-पार की लड़ाई है।
मंगलवार को किसानों ने शंभू बॉर्डर पर सफाई अभियान चलाया। सरवन पंधेर का कहना है कि जो पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे, उनका असर अभी भी है। किसानों ने बॉर्डर पर फैली गंदगी को साफ किया। डल्लेवाल की सेहत की तंदुरूस्ती के लिए 11 दिसंबर को सभी गांवों में धार्मिक स्थलों पर किसान अरदास करेंगे। इसके लिए रणनीति बना ली गई है। किसानों ने मंच से आह्वान किया है कि अधिक से अधिक लोग मोर्चों पर पहुंचे, ताकि संघर्ष को तेज किया जा सके।
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