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अब बोतल बंद हवा भी बिकेगी बाजार में

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सुभाष आनंद

जिस प्रकार गंदे पानी से मुक्ति पाने के लिए वैज्ञानिकों ने बोतल बंद पानी की खोज की थी, उसी प्रकार बढ़ते प्रदूषण से राहत पाने के लिए बोतल बंद हवा भी मार्केट में उतारने की तैयारी की जा रही है। बढ़ते औद्योगिकीकरण के चलते सारी दुनिया वायु प्रदूषण की चपेट में है। अशुद्ध हवा आए दिन लोगों को कई घातक बीमारियों से त्रस्त कर रही है। प्रदूषित वातावरण में दमघोटू धुआं हमारे फेफड़ों को ही नहीं पूरे शरीर को जर्जर बनाता जा रहा है। इसीलिए अब सुझाव दिया जा रहा है कि जिस प्रकार शुद्ध पानी की बोतलें मार्केट में बिक रही है उसी प्रकार शुद्ध हवा की बोतलें भी जनता को उपलब्ध करानी चाहिए। ताकि जब भी कोई घुटन महसूस करें या फिर सांस लेने में तकलीफ हो या लगे कि अशुद्ध हवा और वायुमंडल में जहरीली गैसों से चक्कर खाकर गिरने वाले हो फौरन बोतल में लगी पाइप को नाक में फिक्स करें और पूरी की पूरी बोतल शुद्ध हवा को फेफड़ों में उतार लें जिससे वह व्यक्ति पूरी तरह तरोताजा हो जाए।

अब लोग सोच रहे हैं कि हवा की बंद बोतलें मार्केट में कब आएगी। शीघ्र ही लोगों के ये सपने सच होने जा रहे हैं, क्योंकि अब कनाडा की एक कंपनी ने सर्वसुलभ हवा को बोतलों में बेचना आरंभ कर दिया है। लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए कनाडा की एक कंपनी पहाड़ों की ताजी हवा बेचकर खासी कमाई कर रही है। पहले पहल यह शुद्ध हवा की बोतलें डॉक्टरों की पर्ची पर ही दी जा सकती थी लेकिन अब यह खुले बाजार में भी आम उपलब्ध है।

 

कंपनी ने हवा की दो श्रेणियां बाजार में उतारी है। बोतल बंद हवा की 3 लीटर की बोतल 20 कनाडाई डॉलर और 7.7 लीटर की कीमत लगभग 32 कनाडाई डॉलर है।

अमेरिका और मध्य पूर्व के कई देशों में बोतल बंद हवा का कारोबार भी चल रहा है, लेकिन चीन के मार्केट में आने के पश्चात बंद हवा की बोतलों की बिक्री में काफी वृद्धि हुई है। नए वर्ष पर कई लोगों द्वारा अपने प्रियजनों को गिफ्ट के रूप में हवा की बोतलें देने की बात भी सामने आ चुकी है।

अब भारत में भी लोगों ने सोचना शुरू कर दिया है कि क्या हवा की बोतलें यहां के वायु प्रदूषण से बचने के लिए कारगर सिद्ध हो सकती है?

पिछले दिनों विश्व आर्थिक मंच पर प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व में वायु प्रदूषण से प्रतिवर्ष 3.30 लाख लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। मरने वालों में सबसे अधिक संख्या भारतीय लोगों की है। दुनिया भर के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 18 एशिया में है और उनमें भी 12 शहर भारत के हैं ,सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में देश की राजधानी दिल्ली भी है।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 में प्रयोग के तौर पर हवा का पैकेट बेचना आरंभ किया गया था ,उस समय किसी को इसका अंदाजा नहीं था कि यह भविष्य में कितनी कारगर सिद्ध होगी। कंपनी के संस्थापक मोसोज लेक ने बताया कि हवा के पैकेट की पहली खेप हाथों-हाथ बिक गयी थी, दूसरी खेप भी पूरी बिकने से हौसला बढ़ा, इसके बाद उन्होंने इसे फुल टाइम कारोबार बना लिया है। जिन लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है या फेफड़े जम जाते हैं उन लोगों के लिए यह काफी सहायक सिद्ध हो रही है। अब शुद्ध हवा की बोतलों की सप्लाई कनाडा के सरकारी अस्पतालों में भी की जा रही है।

 

चीन के इस मार्केट में उतरने के पश्चात हवा की बंद बोतलों के व्यापार ने एक नया मोड़ ले लिया है। चीन की पहली 5000 बोतलों की खेप हाथों हाथ बिक चुकी है। चीनी कंपनी उत्तरी अमेरिका और मध्य पूर्व के देशों में बड़े पैमाने पर इसकी सप्लाई कर रही है । चीन न केवल दूसरे देशों में बोतल बंद हवा की सप्लाई कर रहा है बल्कि चीन खुद भी इसका बड़ा बाजार बनता जा रहा है। चीन में त्यौहारों पर बोतल बंद हवा एक दूसरे को गिफ्ट देना आम बात हो चुकी है। गर्मियों के मौसम में जिस प्रकार लोग अपने पास पानी की बोतल रखते हैं उसी प्रकार हवा में प्रदूषण होने के समय चीनी लोग अपने साथ हवा की बंद बोतल साथ लेकर चलते हैं। जब उन्हें पता चलता है कि उनकी सांस फूलने लगी है या फिर फेफड़ों में तकलीफ होती है वह तुरंत शुद्ध हवा की पाइप नाक में लगाकर राहत महसूस करते हैं।

पिछले दिनों पाकिस्तान के बड़े शहरों में आई क्यू 1000 के पार होने के कारण कई लोग प्रदूषण के शिकार हुए हैं। एशियाई देशों में प्रदूषण की समस्या यूरोपीय देशों से काफी ज्यादा है। अब माना जा रहा है कि यदि आप बोतल बंद हवा का प्रयोग करेंगे तो समझो आधी बीमारियों से निजात पा लेंगे। दवा दवाई डॉक्टर का खर्चा भी बचा सकेगें।

चीनी डॉक्टरों का कहना है कि जिस प्रकार शरीर में पानी की कमी पूरी करने के लिए लगभग एक लीटर पानी पीना पड़ता है उसी प्रकार फेफड़ों में कष्ट आने पर लगभग एक लीटर शुद्ध हवा का प्रयोग करना चाहिए। एक बार शुद्ध हवा लेने के पश्चात इंसान को काफी राहत मिलती है। डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से बचने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाने चाहिए।

भारत को चाहिए कि वह भी अपने स्तर पर बंद हवा की बोतलों का उत्पादन करें ताकि भारत के लोगों को भी राहत मिल सके। हवा की बंद बोतलें दुनिया भर में चर्चा का विषय बन चुकी है,लेकिन भारत में अभी इनका ज्यादा प्रचलन नहीं है। वर्तमान प्रदूषित वातावरण में यदि भारत में इंसानी जिंदगियों को बचाना है तो इस दिशा में व्यापक एवं सार्थक प्रयास करने होंगे।

(विनायक फीचर्स)

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