अब तो हो जाएं अलर्ट :  चंडीगढ़ में साइबर ठगों ने सीबीआई अफसर बन महिला से ठग लिए एक करोड़

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चंडीगढ़ साइबर सैल ने अरेस्ट किए 10 आरोपी, सैकड़ों सिम और बॉक्स जब्त, विदेश तक जुड़ा था ठगों का नेटवर्क

चंडीगढ़, 1 अगस्त। यहां साइबर सैल की पुलिस टीम ने एक बड़े डिजिटल स्कैम का खुलासा किया है। टीम ने 1.01 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले दस आरोपी अरेस्ट किए हैं। इनसे 6 सिम बॉक्स, 400 सिम कार्ड, लैपटॉप और मोबाइल फोन मिले हैं।

पुलिस के मुताबिक आरोपी फर्जी पहचान से लोगों को ऑनलाइन डराकर ठगते थे। विदेशों से कॉल करने के लिए ये सिम बॉक्स का गलत इस्तेमाल करते थे और ठगे गए पैसे विदेश भेज देते थे। पुलिस जांच के मुताबिक यह गिरोह सिर्फ भारत के अलावा दूसरे देशों में भी लोगों को निशाना बना रहा था। इससे देश को हर महीने करीब 1,000 करोड़ का नुकसान हो रहा था। इस ऑपरेशन में डीएसपी वेंकटेश और साइबर सेल की इंचार्ज इंस्पेक्टर इरम रिजवी की अहम भूमिका रही।

पुलिस को दी शिकायत में सैक्टर-33-डी की निवासी मंजीत कौर ने बताया कि 11 जुलाई को एक मोबाइल फोन से वॉयस कॉल और बाद में वॉट्सऐप वीडियो कॉल आई। कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी सुनील बता दावा किया कि उनके आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और आईसीआईसीआई बैंक खाते का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है। फर्जी दस्तावेज और पासबुक भेज उन्हें डरा-धमका अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए।

पकड़े गए आरोपियों में यूपी के मेरठ निवासी परवेज चौहान, सुहैल अख्तर, अमृतसर का शुभम मेहरा उर्फ सनी, लुधियाना का कृष्णा शाह, विजय कुमार शाह, आकाश कुमार, अजीत कुमार, विपिन कुमार, सरोज कुमार और अभिषेक कुमार शामिल हैं।

पुलिस के मुताबिक 27 जुलाई को लुधियाना में कार्रवाई में विजय कुमार शाह को पकड़ा । जांच में सामने आया कि उसने एक ही व्यक्ति के नाम पर अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियों के सिम कार्ड फर्जी तरीके से एक्टिवेट किए थे। ये सिम कार्ड बाद में साइबर ठगी में इस्तेमाल हुए। 29 जुलाई को अमृतसर में छापेमारी कर शुभम मेहरा को गिरफ्तार किया। उसने फेसबुक पर वर्क-फ्रॉम-होम जॉब के विज्ञापन के माध्यम से संपर्क किया था और बाद में उसे टेलीग्राम के जरिए विदेशी हेंडलर्स द्वारा सिम बॉक्स ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई थी।