फूड सैंपल्स का निकला जनाजा, अधिकारी बेपरवाह
लुधियाना 28 दिसंबर : स्वास्थ्य विभाग की फूड ब्रांच में सन 2024 में एक भी घपले का समाधान नहीं हो पाया है सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी पॉलिसी के विपरीत चल रही फूड ब्रांच के अधिकारियों के हौसले बुलंद है जिसे लेकर फूड सैंपलिंग लगभग बंद पड़ी है अगर फूड सैंपलिंग होती भी है तो घटिया और मिलावटी सामान कम ही पकड़ा जाता है जबकि फूड ब्रांच में जो फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर तैनात किए गए हैं वह काफी अनुभवी बताए जाते हैं परंतु वह वह अपने अनुभव का फायदा फूड बिजनेस ऑपरेटर को देते हैं और सैंपल लेने के समय यह भी बता देते हैं कि कौन सा सैंपल फेल होगा और कौन सा पास इसलिए वह किस फूड आइटम का सैंपल दें जबकि इसके विपरीत अगर खाद्य पदार्थ बनाने या बेचने वाला इनका जानकारी नहीं है और ना ही जानकार बनने के लिए राजी है तो फिर ऐसे फूड सैंपल लिए जाते हैं जो जांच में फेल हो जाते हैं फूड ब्रांच की हालत यह बताई जाती है कि यहां पर फैल सैंपल पास कर दिए जाते हैं और पास सैंपल फेल परंतु दूसरी और इस खेल में लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है
शीर्ष अधिकारियों ने बांधी आंखों पर पट्टी, कोई जवाब तल्बी भी नहीं
स्वास्थ्य विभाग की फूड सैंपल लेने वाली ब्रांच की हालत शीर्ष अधिकारियों द्वारा आंखों पर पट्टी बांधने के बाद और भी खराब हो गई बताई जाती है लुधियाना महानगर होने के बावजूद यहां पर धक पर फूड सेफ्टी अफसर को लगाया गया है जबकि यहां पर फुल टाइम फूड सेफ्टी अफसरो की जरूरत है छुट्टी वाले दिन कोई भी अधिकारी बाजार का औचक निरीक्षण नहीं करता और ना ही खाद्य पदार्थ बनाने वाली इकाइयों पर दंबिश दी जाती है अब तक जितने भी घपले बाजी के मामले सामने आए हैं स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक में भी जांच का फैसला नहीं किया गया और ना ही किसी अधिकारी को सजा दी गई है बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग में फूड ब्रांच मिस सिफारिश के आधार पर तैनाती की जाती है और फिर उन्हें लूट की खुली छूट दे दी जाती है बाजार में व्याप्त चर्चाओं के अनुसार यही कारण है कि किसी अधिकारी पर कोई अरोप सामने आने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती उच्च अधिकारी सारा मामला संभाल लेते हैं
बिचौलियों और अधिकारियों में आरोप प्रत्यारोपो का दौर जारी
इन दिनों स्वास्थ्य विभाग में यह आम चर्चा है कि की फूड ब्रांच में बिचौलियो के माध्यम से बाजार से पैसे इकट्ठे किए जाते थे जिसके तहत विभिन्न फूड बिजनेस ऑपरेटर संगठन के प्रमुखों, बाजार के प्रधानों के माध्यम से पैसे इकट्ठे किए जाते थे परंतु सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ समय से इनमें आपस में ठंन गई है और दोनों ग्रुप अपने-अपने स्तर पर पैसे इकट्ठे कर रहे हैं जिसे लेकर आरोप प्रत्यारोप लगाने का दौर जारी है कोई भी किसी से सीधे फोन पर बात नहीं करता अगर कहीं मिलने पर भी बात होती है तो एक दूसरे के फोन टैप करने का खेल जारी है रस्साकशी के इस दौर में कौन किसका कितना इस्तेमाल करता हैं यह आने वाला समय बताएगा