लुधियाना २२ अगस्त : नार्थ इण्डिया टैक्सटाइल मिल्स एसो ( निटमा ) ने भारत सरकार द्वारा कॉटन एवं कपास की सभी किस्मों (एचएसएन 5201) पर इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट देने के फैंसले की प्रशासन है। वित्त मंत्रालय के 18 अगस्त को जारी नोटिफिकेशन 35/2025 अनुसार यह छूट 19 अगस्त से 30 सितंबर, 2025 तक प्रभावी रहेगी इस छूट में 5% कस्टम ड्यूटी, 5% एग्रीकच्र्र इंफ्रास्ट्रचर एंड डिवैल्पमैंट सैस (एआईडीसी) और 1% एडिशनल सैस शामिल है, जिससे टैक्सटाइल इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिलेगी ।
निटमा के वाइस प्रेजिडेंट मुनीश अवस्थी ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह एवं वित् मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा टैक्सटाइल उद्योग की आपातकालीन समस्याओं का तुरंत हल करवाया। उन्होंने कहा की यह राहत भारत के 100 अरब अमेरिकी डॉलर के कपड़ा निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण सहायक होगा, खासकर ऐसे समय में जब यह क्षेत्र कच्चे माल की ऊँची लागत और घरेलू तथा वैश्विक कपास की कीमतों के बीच बढ़ते अंतर से जूझ रहा है।
अवस्थी ने कहा, “कपास पर आयात शुल्क हटाना एक स्ट्रैटजिक कदम है इससे आपूर्ति श्रृंखला तो स्थिर होगी साथ ही कच्चे माल की भारी कमी के दौर में संपूर्ण कपास मूल्य श्रृंखला को प्रोत्साहन देगा।”
हालांकि, उन्होंने छूट की निर्धारित समय के लिए मिली सुविधा को लेकर चिंता भी जताई उन्होंने तर्क दिया है की अमेरिका और ब्राज़ील जैसे प्रमुख स्रोत देशों से कपास की खेप में आमतौर पर 70-75 दिन लगते हैं, जिससे आयातकों के लिए लाभ सीमित हो सकता है।
मैन मेड फाइबर (एमएमएफ) क्षेत्र में तुरंत जीएसटी सुधार की मांग
निटमा प्रधान सिद्धार्थ खन्ना ने लम्बे समय से मैन मेड फाइबर (एमएमएफ) पर जीएसटी के तहत इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्टर (आईडीएस) के मुद्दे पर ध्यान दिलाते हुए इसे इंडस्ट्री के विकास और निवेश में बाधा बताया । उन्होंने सरकार से कॉटन की तर्ज पर मैनमेड फाइबरस ( पॉलिएस्टर , विस्कोस ,नायलोन इत्यादि ) को भी ५% की टैक्स स्लेब में लेने की मांग रखी है । खन्ना नेसुझाव दिया एमएमएफ यार्न पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% और पीटीए, एमईजी और मानव निर्मित रेशों जैसे इनपुट पर 18% से घटाकर 5% किया जाए।
उन्होंने बताया की ऐसे कदम उठाने से
* रिफंड प्रकिया सरल करने से Msme सैक्टर को काम करने में आसानी होगी वही इंडस्ट्री का मनी फ्लो बढ़ेगा इसके इलावा वेर्किंग कैपिटल में भी सुधर आएगा
* FTA के तहत इम्पोर्टेड सिंथेटिक यार्न पर केवल 5% एवं जीरो ड्यूटी होने से इम्पोर्टेड यार्न को घरेलू यार्न की तुलना में ज्यादा प्रोत्साहन मिल रहा है।
• 18% जीएसटी रिफंड को निवारण इंडस्ट्री में मशीनरी पर नए निवेश को प्रोत्साहित करेगा।
* कपडे पर पहले से 5 % जीएसटी है ऐसे में अगर यार्न को भी 5 % टैक्स किया जाता है तो सरकार के राजस्व में कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि इंस्पैक्टरी राज ,भ्र्ष्टाचार , एवं रिफंड लेने और उसकी अकॉउंटेबिल्टी में वेस्ट होने वाली एनर्जी का सहित दिशा में इस्तेमाल कर इंटरनैशनल और डोमेस्टिक कॉम्पिटेटिवनैस को बढ़ाया जा सकता है। खन्ना ने कहा की निटमा पॉलिसी मेकैरस के साथ मिलकर टैक्सटाइल सैक्टर प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत है