कयास, ऑर्गेनाइज क्राइम रोकने को एनआईए ने बिश्नोई और उसके सहयोगी के राजस्थान वाले ठिकानों पर रेड की
चंडीगढ़, 9 अगस्त। राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए ने राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और दौसा ज़िलों में रेड की। यह छापेमारी कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगी विशाल पचार से जुड़े 13 ठिकानों पर की गई।
एनआईए ने इसे लेकर कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी। हालांकि कयास है कि यह छापे ऑर्गेनाइज क्राइम नेटवर्क के खिलाफ हैं। जो केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं, बल्कि अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक फैला है। गैंगस्टर विशाल पचार गुजरात की जेल में बंद है। जो लंबे समय से लॉरेंस का भरोसेमंद सहयोगी रहा है। श्रीगंगानगर की पुरानी आबादी और आसपास के क्षेत्रों में जिन ठिकानों पर छापे मारे गए, वे केवल आवासीय इमारतें नहीं, बल्कि कथित तौर पर अपराध नेटवर्क के संचालन केंद्र थे। पचार के सहयोगियों शुभम और साहिल के घरों पर भी कार्रवाई हुई, जिनमें से साहिल पहले से ही जेल में है।
जानकारी के मुताबिक एनआईए ने इस दौरान अवैध हथियार, नशीले पदार्थ, इलैक्ट्रॉनिक उपकरण और संदिग्ध दस्तावेज़ बरामद किए। कुछ संदिग्ध लोग भी हिरासत लिए गए। हालांकि उनकी पहचान को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया।
यह कार्रवाई निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण संकेत है कि केंद्र सरकार संगठित अपराध के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति पर कायम है। हालांकि सवाल यह भी उठता है कि क्या यह कार्रवाई महज़ एक प्रतीकात्मक प्रयास है या फिर वाकई इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने की मंशा रखती है ? पिछले कुछ वर्षों में बिश्नोई गिरोह का नाम कई हाई-प्रोफाइल मामलों, जैसे सिद्धू मूसेवाला की हत्या, फिरौती वसूलने और हथियारों की तस्करी में सामने आया । इसके बावजूद, इन गैंगस्टरों की जेल के अंदर से चल रही गतिविधियां यह दर्शाती हैं कि हमारे जेल-तंत्र और कानून व्यवस्था में अब भी बड़ी खामियां हैं।
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