पंजाब/यूटर्न /12 जून: विश्व हिंदू परिषद के नेता विकास प्रभाकर की 13 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कराने के मामले में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। एनआईए दिल्ली ने बीते दिनों इस मामले में केस दर्ज किया था। एनआईए ने जांच करते हुए पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद 4 गैंगस्टरों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जेल में बंद इन चारों गैंगस्टर के विकास प्रभाकर की हत्या के पीछे जुड़े होने के एनआईए को सुराग लगे हैं। पंजाब पुलिस ने प्रभाकर के हत्यारों को गिरफतार कर लिया था। आरोपियों से पूछताछ के दौरान खुद डीजीपी गौरव यादव ने इस बात की पुष्टि की थी कि प्रभाकर की हत्या के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन और आईएसआई का हाथ है। एनआईए अधिकारियों की मानें तो दो से तीन दिन से इन चारों गैंगस्टरों से पूछताछ की जा रही है।
4 गैंगस्टरों से एनआईए कर रही पूछताछ
प्रभाकर की हत्या के मामले में एनआईए ने पंजाब की अलग-अलग जेलों से जिन 4 गैंगस्टरों को उठाकर पूछताछ शुरू की है, उनमें जिला होशियारपुर के जगजीत राजू, गुरप्रीत और नवांशहर के रहने वाले सुरिंदर कुमार उर्फ रिक्का व मनदीप कुमार उर्फ मांगी हैं। इन चारों गैंगस्टर से प्रभाकर के हत्याकांड में शामिल होने के सुराग हाथ लगे हैं। एनआईए को पता लगा है कि ये चारों जेल में रहकर पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के संपर्क में रहकर प्लानिंग कर रहे थे। प्रभाकर की हत्या के तीन दिन के अंदर ही पंजाब पुलिस ने पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की संलिप्ता का पता लगा लिया था। पुर्तगाल में बैठे हैंडलर्स ने की थी फंडिंग, ऑर्डर पाकिस्तान से मिले थे। विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हत्या के 2 दिन बाद पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों मनदीप कुमार उर्फ मंगी और सुरिंदर कुमार उर्फ रिक्का को गिरफतार किया था। पुलिस की प्राथमिक पूछताछ में इन्होंने खुलासा किया कि प्रभाकर की हत्या के लिए ऑर्डर पाकिस्तान मैं बैठे उनके आका ने दिए थे, लेकिन हत्या के लिए उनको फंडिंग पुर्तगाल से की गई थी। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने यह दावा किया था कि आईएसआई के कहने पर दोनों आरोपी काफी समय से पंजाब में काम कर रहे थे। इनको पंजाब पुलिस की एजेंसी स्टेट स्पेशल ऑपरेटिंग सेल (एसएसओसी) मोहाली द्वारा गिरफतार किया गया था।
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